Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

बीबीसी पर नया शिकंजा

अगर बीबीसी ने गड़बड़ियां की हैं, तो उसके खिलाफ कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। लेकिन धारणाएं पृष्ठभूमि से बनती हैं। इस मामले में कहा जा सकता है कि धारणाएं सरकारी एजेंसियों के पक्ष में नहीं हैं, जैसाकि हाल में उनकी कई दूसरी कार्रवाइयों के मामले भी रहा है।

यह धारणा तो पहले ही ठोस रूप ले चुकी है कि वर्तमान भारत को सरकार को अपने समर्थक तबकों के अलावा देश-दुनिया में किसी की निगाह में अपनी छवि की फिक्र नहीं है। हाल में जिन दो घटनाओं ने भाजपा सरकार की छवि को सबसे ज्यादा धूमिल किया, उनमें एक बीबीबी पर मारा गया छापा था। दूसरी ऐसी घटना कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद से निकालना रही है। बहरहाल, अब बीबीसी पर शिकंजा और कसते हुए भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी बीबीसी इंडिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ईडी ने पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा विनियम संबंधी कथित उल्लंघन को लेकर ये कार्रवाई की। बताया जाता है कि ईडी ने अब तक बीबीसी इंडिया के एक निदेशक समेत छह कर्मचारियों से पूछताछ भी की है। इस साल फरवरी में भारतीय आय कर विभाग ने बीबीसी इंडिया के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में “सर्वे” किया था। बीबीसी इंडिया के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में आयकर विभाग का “सर्वे” तीन दिनों तक चला था।

आयकर विभाग ने उस सर्वे के बाद कहा था कि कंपनी की आय और उसके भारत के ऑपरेशन से होने वाले मुनाफे की रिपोर्टिंग में कई वित्तीय अनियमितताएं पाईं गईं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सर्वे के बाद एक बयान में कहा था कि ट्रांसफर प्राइसिंग डॉक्यूमेंट्स के संबंध में महत्वपूर्ण साक्ष्य का पता लगा। उसका कहना था कि बीबीसी समूह की विभिन्न संस्थाओं द्वारा दिखाई गई आय और लाभ के आंकड़े भारत में उनके ऑपरेशन के अनुरूप नहीं है। इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई के ठीक पहले बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारत में विवाद उठा था। बीबीसी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’  दिखाई थी, जो साल 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित थी। जाहिर है, आम तौर पर बीबीसी पर कार्रवाई को इस डॉक्यूमेंट्री से जोड़ कर देखा गया। बहरहाल, अगर बीबीसी ने गड़बड़ियां की हैं, तो उसके खिलाफ कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। लेकिन धारणाएं पृष्ठभूमि से बनती हैं। इस मामले में कहा जा सकता है कि धारणाएं सरकारी एजेंसियों के पक्ष में नहीं हैं, जैसाकि हाल में उनकी कई दूसरी कार्रवाइयों के मामले भी रहा है।

Exit mobile version