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ऑनलाइन गेमिंग के सारे मामले सुप्रीम कोर्ट में सुने जाएंगे

New Delhi, May 22 (ANI): A view of the Supreme Court of India, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo/Rahul Singh)

नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग पर पाबंदी लगाने वाले केंद्रीय कानून के खिलाफ देश भर की अलग अलग अदालतों में दायर मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में होगी। संसद के मानसून सत्र में पास किए गए इस कानून को देश की कई अदालतों में चुनौती दी गई है। अलग अलग हाईकोर्ट्स में दायर की गई सभी याचिकाओं की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में ही होगी। केंद्र सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, आठ सितंबर की सुनवाई में यह आदेश दिया।

गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर बनाए गए प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को एक साथ सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। यह कानून रियल मनी गेम्स यानी पैसे दांव पर लगाकर खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूरी तरह पाबंदी लगाता है। इसके खिलाफ कर्नाटक, दिल्ली और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनकी सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में ही होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार के अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी हाई कोर्ट में लंबित ऐसी कोई भी याचिका भी ट्रांसफर मानी जाएगी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि मामले से जुड़े सभी हाई कोर्ट को निर्देश दिया जाता है कि वे एक हफ्ते के अंदर दायर याचिकाओं के साथ पूरे रिकॉर्ड्स ट्रांसफर करें। समय बचाने के लिए यह ट्रांसफर डिजिटल रूप से किया जाए।

असल में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि इन याचिकाओं को एक साथ सुप्रीम कोर्ट या किसी एक हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए, ताकि अलग अलग फैसले आने से बचा जा सके। चार सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली बेंच के सामने इस मामले का जिक्र हुआ था।

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