Supreme Court

  • आद्या शक्ति नहीं, भीरूता माता

     वही गाँधी स्वतंत्र भारत के 'राष्ट्रपिता' हैं तो न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के भी पिता हैं। अतः हिन्दुओं को जब चाहे, बात-बेबात फटकारना, और मुस्लिमों का हर हाल में बचाव करना भारतीय शासक वर्ग का एक प्रकार का सिग्नेचर ट्यून रहा है।... बाल ठाकरे जैसे अपवादों को छोड़, सभी नेता जिहाद और उस के प्रेरक मतवाद पर चुप रहते हैं। बल्कि उस के प्रति श्रद्धा दिखाते, खुद भी बड़े-बड़े इस्लामियों पर चादर चढ़ाते हैं। तदनुरूप सुप्रीम कोर्ट ने भी गुजरात में मुस्लिम पीड़ितों के लिए जो उत्साह दिखाया, उस का ठीक उल्टा कश्मीरी पंडितों के लिए था। श्रीलाल शुक्ल के...

  • अपराध श्रेणी से बाहर हो मानहानि

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि को अपराध बनाने वाले कानून को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अब समय आ गया है कि मानहानि को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाए। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने सोमवार को पूर्व जेएनयू प्रोफेसर अमिता सिंह की ओर से 2016 में एक मीडिया संस्थान के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। मीडिया संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि प्रोफेसर अमिता सिंह ने एक डॉजियर तैयार किया था, जिसमें जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी,...

  • हादसे के बाद पायलट पर टिप्पणी अफसोसजनक

    नई दिल्ली। अहमदाबाद विमान हादसे के बाद उस विमान के पायलट की कथित गलती को लेकर चल रही चर्चाओं को सुप्रीम कोर्ट ने अफसोसजनक बताया है। विमान की कॉकपिट रिकॉर्डिंग सामने आने के बाद पायलट की मानसिक स्थिति को लेकर कई तरह की चर्चाएं होने लगी थीं। इस पर दिवंगत पायलट के पिता ने भी आपत्ति जताई थी। सोमवार को इस पर सुनवाई हुई, जिसमें सर्वोच्च अदालत ने पायलट को लेकर हो रही चर्चाओं को अफसोसजनक बताया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, नागरिक विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो, एएआईबी से जवाब मांगा है। जस्टिस...

  • वक्फ कानून के तीन बदलावों पर रोक

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर दायर याचिकाओं पर बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च अदालत ने इस कानून पर रोक नहीं लगाई है, जैसा कि याचिकाओं में मांग की गई थी लेकिन इसके तीन अहम बदलावों को रोक दिया है। अदालत ने कहा है कि इस मामले में अंतिम फैसला आने तक इन बदलावों पर रोक रहेगी। इसमें गैर मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान भी है। गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने 20 से 22 मई तक इस पर लगातार सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार, 15 सितंबर को फैसले का...

  • बिहार के एसआईआर का फैसला देश पर लागू होगा

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की और कहा कि बिहार में हुए एसआईआर को लेकर उसका जो भी फैसला होगा वह पूरे देश में होने वाले एसआईआर पर लागू होगा। गौरतलब है कि चुनाव आय़ोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि एसआईआर पर अदालत उसे निर्देश न दे। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह भी कहा कि अगर बिहार के एसआईआर में गड़बड़ी मिली तो वह पूरी प्रक्रिया को रद्द कर देगा। अदालत ने भरोसा दिलाया कि यह काम उसकी...

  • वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के कुछ प्रावधानों पर सुप्रीम की रोक

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह उन सभी सदस्यों की जीत है, जिन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विस्तृत असहमति नोट दर्ज कराए थे। जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर आज सुप्रीम कोर्ट का आदेश न केवल उन दलों के लिए एक बड़ी जीत है जिन्होंने संसद में इस मनमाने कानून का विरोध किया था, बल्कि संयुक्त संसदीय समिति के उन सभी सदस्यों के लिए भी...

  • हिमाचल में अनियंत्रित विकास पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

    सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में अनियंत्रित विकास से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को मामले में सुनवाई की। अदालत ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले में 23 सितंबर को आदेश पारित किया जाएगा।  कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के समय हिमाचल में एक और भयावह पर्यावरणीय घटना हुई, जो चिंता का विषय है। कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी ने सुझाव दिया कि इस मामले का दायरा बहुत व्यापक है, इसलिए एक समिति गठित की जा...

  • सुप्रीम कोर्ट का नेपाल के हवाले चेताना!

    प्रधानमंत्री मोदी, शाह, डोवाल को तुषार मेहता को बुलाकर समझना चाहिए कि बुधवार के दिन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के बोलने का क्या अर्थ था? वह हमें नसीहत थी या विपक्ष याकि राहुल गांधी को? आखिर मोदी-शाह तो यह मानने से रहे कि दिल्ली कभी काठमांडू बनेगा! उन्होंने तो दिल्ली को किला बनाया हुआ है। किसानों को दिल्ली में पांव नहीं रखने दिए। वे दिल्ली को भी अंबानी-अडानी की बिल्डिंगों जैसी चमचमाती विकसित राजधानी बना दे रहे हैं। इतना ही नहीं अंबानी-अडानी सहित दरबारी जगत सेठों को देश की जीडीपी का पचास-साठ प्रतिशत मालिक बना कर हिंदुओं में स्थायी...

  • राष्ट्रपति और राज्यपालों के मामले में फैसला सुरक्षित

    नई दिल्ली। संवैधानिक विवाद का कारण बने सुप्रीम कोर्ट के दो जजों के फैसले पर 10 दिन की सुनवाई के बाद संविधान बेंच ने फैसले सुरक्षित रख लिया है। इस साल अप्रैल में दो जजों की बेंच ने विधानसभा से पास विधेयकों को मंजूरी देने की डेडलाइन तय कर दी थी। अदालत ने कहा था राज्यपालों और राष्ट्रपति को विधानसभा से पास विधेयकों पर तीन महीने के भीतर फैसला करना होगा। इस पर राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 143 के तरह रेफरेंस भेजा है। इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चीफ जस्टिस बीआर गवई की  अध्यक्षता वाली पांच जजों की...

  • ऑनलाइन गेमिंग के सारे मामले सुप्रीम कोर्ट में सुने जाएंगे

    नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग पर पाबंदी लगाने वाले केंद्रीय कानून के खिलाफ देश भर की अलग अलग अदालतों में दायर मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में होगी। संसद के मानसून सत्र में पास किए गए इस कानून को देश की कई अदालतों में चुनौती दी गई है। अलग अलग हाईकोर्ट्स में दायर की गई सभी याचिकाओं की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में ही होगी। केंद्र सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, आठ सितंबर की सुनवाई में यह आदेश दिया। गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर बनाए गए प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग...

  • कानून बनाने में राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं

    नई दिल्ली। देश के कई गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि राज्यों में कानून बनाने का अधिकार विधानसभा का होता है और उसमें राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं होती है। राज्यों ने विधानसभा से पास विधेयकों को महीनों और बरसों तक लटका कर रखने की राज्यपालों की मनमानी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में यह बात कही। राज्यों ने विधानसभा से पास विधेयकों को मंजूरी देने के लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल के लिए समय सीमा तय करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर राष्ट्रपति...

  • अभिव्यक्ति पर कितनी पाबंदी लगेगी?

    भारत के संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी पर कुछ तर्कसंगत पाबंदी लगाने का प्रावधान है। संविधान के अनुच्छेद 19 (2) में इसे व्याख्यायित किया गया है। सरकारें अलग अलग समय पर अपने हिसाब से इसकी व्याख्या करती रही हैं और बोलने या किसी भी रूप में अपने को अभिव्यक्त करने की आजादी को नियंत्रित करने का प्रयास करती रही हैं। हर बार सरकारें जब ऐसा प्रयास करती हैं तो उसके खिलाफ आवाज उठाई जाती है लेकिन अंततः सरकारें कामयाब होती हैं। तभी धीरे धीरे वाक और अभिव्यक्ति की आजादी पर कई किस्म की पाबंदियां लग गई हैं। नए जमाने में...

  • सीज़र की पत्नी

    लोकतंत्र में न्यायपालिका ही वह संस्था है, जिससे लोग संविधान, कानून और पूरी व्यवस्था की रक्षा की उम्मीद रखते हैँ। मगर लगता नहीं कि फिलहाल भारतीय न्यायपालिका सर्व-साधारण की पारदर्शिता संबंधी अपेक्षा का ख्याल कर रही है। सीज़र की पत्नी को हर तरह के संदेह से ऊपर होना चाहिए। यानी परिजनों समेत राजा को ऐसी कोई धारणा नहीं बनने देनी चाहिए, जिससे उनकी साख पर आंच आए। लोकतांत्रिक युग में ये कहावत अक्सर न्यायपालिका के लिए दोहराई जाती है। इसलिए कि लोकतंत्र में न्यायपालिका ही वह संस्था है, जिससे लोग संविधान, कानून और पूरी व्यवस्था की रक्षा की उम्मीद रखते...

  • राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में दो नए जजों आलोक अराधे और विपुल एम. पंचोली की नियुक्ति को दी मंजूरी

    नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में दो नए जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति ने बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल एम. पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में इन दोनों जजों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी। भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से इन नियुक्तियों को मंजूरी दी है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने...

  • आजादी का व्यापार

    शरीरिक संरचना पर कटाक्ष, लिंग भेदी, जातीय एवं सांप्रदायिक सोच, और वर्गीय भेदभाव से प्रेरित पूर्वाग्रहों को व्यंग्य का विषय बनाने और अश्लीलता परोसने वाले कथित कॉमेडियन्स की एक पूरी फौज आज सोशल मीडिया पर हास्य कारोबार कर रही है। सोशल मीडिया पर हास्य के अमानवीय होते गए रूप पर सुप्रीम कोर्ट ने उचित दखल दिया है। भारतीय संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी मौलिक अधिकार है, लेकिन अधिकार एवं स्वतंत्रता की अवधारणाओं में यह अंतर्निहित माना जाता है कि उनका इस्तेमाल मानव समाज को बेहतर एवं उत्तरोत्तर सभ्य बनाने के लिए किया जाए। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोशल मीडिया- और...

  • रैना और अन्य कलाकारों को माफी मांगने का निर्देश

    नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को समय रैना सहित पांच हास्य कलाकारों को दिव्यांगजनों के बारे में असंवेदनशील चुटकुले बनाने पर अपने यूट्यूब चैनलों और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफ़ी जारी करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह आदेश एसएमए क्योर फाउंडेशन की एक याचिका पर दिया। इस याचिका में समय रैना, विपुल गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर, सोनाली आदित्य देसाई और निशांत जगदीश तंवर के आपत्तिजनक चुटकुलों को चिन्हित किया गया था। संगठन ने अदालत से हास्य के नाम पर दिव्यांगजनों का मज़ाक उड़ाने से रोकने के लिए...

  • आवारा कुत्तों की पूज्यनीयता का समाज-शास्त्र

    बच्चों के, बुजु़र्गों के, महिलाओं के पीछे लपक-लपक कर, उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर, गिरा-गिरा कर, नोच-खसोट कर अधमरा कर देने वाले कुत्तों की आज़ादी सुनिश्चित करने के लिए दस दिन-रात जंतर-मंतर पर बैठे रहने वालों से अगर मैं यह पूछूं कि बेग़ुनाह मनुष्यों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर होते प्रहारों को नंगी आंखों से देखते रहने के बावजूद उन्होंने एक दिन भी जंतर-मंतर जाने की ज़हमत क्यों नहीं उठाई तो आप मुझे असामाजिक तत्व तो घोषित नहीं कर देंगे? देश भर के शहरों, कस्बों और गांवों में बेलगाम घूम रहे छह-सात करोड़ आवारा कुत्तों की हिफ़ाज़त करने के लिए भारतीय कुलीन...

  • आवारा कुत्तों को छोड़ने का आदेश

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर दिए गए अपने आदेश में संशोधन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई की और कहा कि जिन कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर जहां से उठाया है, वहीं वापस छोड़ दिया जाए। अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए। सर्वोच्च अदालत ने अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में इस तरह के लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट...

  • कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका

    सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को बिहार एसआईआर को लेकर अहम सुनवाई है। इससे ठीक पहले एक अहम जनहित याचिका ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। याचिकाकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल ने चुनाव आयोग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाली कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल डाली है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के आरोप बेहद गंभीर और गैर जिम्मेदाराना हैं। इन दोनों ने एक संवैधानिक संस्था की साख को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है और ऐसे में न सिर्फ पार्टी की मान्यता रद्द हो...

  • आवारा कुत्तों के वैक्सीनेशन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर अपने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए एक नया अंतरिम फैसला सुनाया है। इस फैसले को अब पूरे देश में लागू किया जाएगा।  सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन के बाद कुत्तों को उनके मूल इलाकों में ही छोड़ा जाएगा, लेकिन रेबीज (रेबीज) पीड़ित या आक्रामक कुत्तों को छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही, सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने (फीडिंग) पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। इसके बजाय, नगर निगम (एमसीडी) को कुत्तों के लिए विशेष फीडिंग स्थल...

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