‘हत्या’ दिवस अनुचित संज्ञा है
आरएसएस प्रशिक्षित नेताओं में विचित्रता तरह-तरह रूपों में दिखती है। बल्कि अधिकांश रूप में विचित्रता ही दिखती है! उन के बयानों, घोषणाओं, और कदमों, गतिविधियों से इस की लंबी सूची बनाई जा सकती है। उदाहरण...
आरएसएस प्रशिक्षित नेताओं में विचित्रता तरह-तरह रूपों में दिखती है। बल्कि अधिकांश रूप में विचित्रता ही दिखती है! उन के बयानों, घोषणाओं, और कदमों, गतिविधियों से इस की लंबी सूची बनाई जा सकती है। उदाहरण...
नासमझी ऐसी कि दुनिया के सामने 'वसुधैव कुटुंबकम्' या 'सर्वे भवन्तु सुखिन:' की डींग हाँकने वाले विभिन्न राज्यों, बल्कि एक राज्य, समुदाय और दल में भी ईर्ष्या-द्वेष, अविश्वास को हवा देते हैं। मानो, अपने समुदाय...
यह हॉलीवुड फिल्मों वाला 'गुड कॉप, बैड कॉप' वाला खेल लगता है। जिस में किसी का दोहन करने के लिए एक पुलिस वाला उस पर आँखें तरेरता है; तो दूसरा उसे पुचकार कर माल-ठिकाना पूछता...
सहज राजा अपने पूर्ववर्ती, प्रतिद्वंद्वी, या मातहत के प्रति ग्रंथि से मुक्त होता है। उसे किसी से अपनी चमक फीकी पड़ने का अंदेशा नहीं होता। नकली राजा हर बात से अपनी कमतरी दिखने के डर...
एक सब से बड़े भाजपा नेता ने गर्व से कहा कि उन्होंने लाखों-लाख ह्वाट्सएप ग्रुप बनवा रखे हैं, जिस से 'सच या झूठ को भी' वायरल करवा सकते हैं। उन्होंने एक घृणित झूठ का उदाहरण...
कांग्रेस नेता का मजाक उड़ाना तब भी था कि 'जब तक सोनिया नेता है, भाजपा की मौज है' क्योंकि वह बेचारी विकल्प दे ही कैसे सकती है! जिसे अपना भाषण भी कागज से पढ़ना पड़ता...
आज का शिक्षित भारतीय इतिहास से कुछ ऐसे पाठ आत्मसात करने की कोशिश कर रहा है जो हमारे पूर्वजों की सीखों के विपरीत है। पूरब के देश एक ऐसा इतिहास मानने की कोशिश कर रहे...
हिन्दी फिल्म उद्योग पर कोलतार पोतना संघ-परिवार की फूहड़ 'नरेटिव' योजना का ही ट्रेडमार्क नमूना है। उन का आईटी सेल अनाम पोस्टों द्वारा फिल्मी हस्तियों, गतिविधियों पर कीचड़ उछालता रहता है। इस के बावजूद कि...
आज देश में परस्पर जैसी शत्रुता दिख रही है, वह पाकिस्तान में होता रहा है (और कम्युनिस्ट देशों में)। कोई पिछले नेता को बदनाम करे, जेल दे, या मरवा डाले। ...हिन्दू समाज दोहरी मार झेलता,...
दल-बदल रोक कानून मानवीय स्वतंत्रता और गरिमा के विरुद्ध है। यह सांसदों, विधायकों को अनुचित बंधन में रखता है। असहमति की आवाज रोकता है। दल के ऊपरी चालबाजों, हवाबाजों की तानाशाही व बेवकूफियाँ बढ़ाने का...
जब तक न्यायालय ने किसी विपक्षी नेता/दल को किसी बात का अपराधी न ठहराया हो, तब तक किसी मंत्री द्वारा उस नेता या दल के विरुद्ध बोलना संविधान की शपथ के प्रतिकूल है। अतः असंवैधानिक,...
नीरद बाबू की आत्मकथा के दोनों भाग समकालीन भारत का वास्तविक इतिहास समझने के लिए एक अनिवार्य स्त्रोत-ग्रंथ हैं। उन के प्रकाशन के सात और चार दशक बाद भी उन में कोई बुनियादी भूल कठिनाई...
भारतीय साहित्य तथा बौद्धिकता का घोर पतन स्वतंत्र भारत में हुआ। ब्रिटिश राज में हमारी भाषाओं में श्रेष्ठ साहित्य रचे जाते रहे। नई साहित्य विधाएं पनपीं। देश-विदेश की सर्वोत्तम रचनाओं का अध्ययन-अध्यापन होता था। स्कूल...
सत्य वोट से तय नहीं होता। यह कुरू-सभा में अकेले विदुर से लेकर गाँधी-मजमे के सामने अकेले टैगोर तक प्रमाणित है। तब, कैसा देश है हमारा? उत्तर के लिए कुछ सर्वविदित तथ्यों पर विचार करें।...
कवियित्री महादेवी वर्मा ने दशकों पहले पाया था कि हमारे बीच जाति-भेद से भी अधिक घातक पार्टी-बाजी भेद है। सो यदि हमारे नेता मंदिरों को दलीय लाभ-हानि के मंसूबे से जोड़ेंगे तो सभ्यतागत शत्रु ताक...