नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर दिए गए अपने आदेश में संशोधन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई की और कहा कि जिन कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर जहां से उठाया है, वहीं वापस छोड़ दिया जाए। अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए। सर्वोच्च अदालत ने अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में इस तरह के लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि कुत्तों को सार्वजनिक जगह पर खाना न दिया जाए और नगर निगम इसके लिए अलग जगह बनाए। अदालत ने कहा कि यह आदेश दिल्ली सहित पूरे देश में लागू होगा। अदालत ने याचिका में शामिल लोगों को 25 हजार रुपए और एनजीओ को दो लाख रुपए कोर्ट में जमा कराने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने 11 अगस्त के दो जजों की बेंच के उस आदेश को बेहद कठोर बताया, जिसमें सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्ते में दिल्ली और एनसीआर के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर हमेशा के लिए शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की विशेष बेंच ने 14 अगस्त को पशु प्रेमियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। फैसला सुनाते हुए जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, ‘इसके लिए नेशनल लेवल पर पॉलिसी बननी चाहिए। हमने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया है। देश के बाकी हाई कोर्ट में जहां भी मामले लंबित हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाए। अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद अक्टूबर के लिए लिस्ट कर दी है’।