वॉशिंगटन। एच 1बी वीजा की फीस बढ़ कर एक लाख डॉलर यानी करीर 88 लाख रुपए करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद मची अफरातफरी के बीच अमेरिका ने इस पर सफाई दी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘बढ़ी हुई फीस सिर्फ वन टाइम है, जो आवेदन देते समय चुकानी होगी’। पहले इसमें स्पष्टता नहीं थी तो लग रहा था कि यह सालाना फीस है। पहले वीजा फीस एक से छह लाख के बीच होती थी, जो तीन साल के लिए थी। इसे आगे तीन साल के लिए रिन्यू करा जा सकता था।
ट्रंप के ताजा फैसले के बाद शनिवार की देर रात व्हाइट हाउस ने यह तो कहा कि वीजा आवेदन के समय 88 लाख रुपए देने होंगे, लेकिन यह साफ नहीं किया कि अगले तीन साल के लिए रिन्यू कराते वक्त भी यह फीस दोबारा लगेगी या नहीं। लेविट ने कहा, बढ़ी हुई फीस केवल 21 सितंबर के बाद किए जाने वाले वीजा आवेदन पर ही लागू होगा। इससे पहले दाखिल आवेदन और रिन्युअल पर बढ़ी हुई फीस नहीं लगेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा एच 1बी वीजा धारक सामान्य तरीके से देश से बाहर आना जाना कर सकते हैं। गौरतलब है कि इसमें स्पष्टता नहीं होने की वजह से अमेरिका में अफरातफरी मच गई थी। तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अमेरिका में ही रूकने के लिए कहा था। बहररहाल, ट्रंप के एच 1बी वीजा आवेदनों पर फीस बढाने का समर्थन करने के लिए व्हाइट हाउस ने शनिवार को एक ‘फैक्ट शीट’ भी जारी की। इसमें बताया गया कि इस कदम से अमेरिकी लोगो की नौकरियां सुरक्षित होंगी।