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अमित मालवीय का दावा, भारतीय नागरिक बनने से पहले ही सोनिया गांधी बन गईं थीं वोटर

Ahmedabad, Apr 09 (ANI): Congress Parliamentary Party Chairperson Sonia Gandhi during the All India Congress Committee (AICC) session, at the Sardar Vallabhbhai Patel National Memorial in Ahmedabad on Wednesday. (ANI Photo)

एक तरफ जहां विपक्षी दल के नेता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘वोट चोरी’ को लेकर चुनाव आयोग और भाजपा पर हमलावर हैं, वहीं अब भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए बुधवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भारतीय नागरिक बनने से पहले ही यहां की मतदाता बन गई थीं। 

अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया, “भारत की मतदाता सूची के साथ सोनिया गांधी का रिश्ता चुनावी कानूनों के घोर उल्लंघनों से भरा हुआ है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्ष में हैं और एसआईआर का विरोध करते हैं।

मालवीय के अनुसार, ”सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में जोड़ा गया, जबकि उस वक्त उनके पास इटली की नागरिकता थी और वह भारत की नागरिक नहीं थीं। उस समय, गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक निवास पर रहता था। उस समय तक, उस पते पर पंजीकृत मतदाता इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी थे।

उन्होंने कहा कि नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में 1 जनवरी, 1980 को अर्हता तिथि मानकर संशोधन किया गया था। इस संशोधन के दौरान, सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 145 के क्रमांक 388 पर जोड़ दिया गया।

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मालवीय ने आरोप लगाया, “यह प्रविष्टि उस कानून का स्पष्ट उल्लंघन है जो मतदाता पंजीकरण के लिए भारतीय नागरिकता अनिवार्य करता है। 1982 में भारी विरोध के बाद, उनका नाम हटा दिया गया, लेकिन 1983 में यह फिर से जोड़ा गया।

मालवीय ने बताया कि उस वर्ष हुए नए संशोधन में, सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 140 में क्रम संख्या 236 पर दर्ज हुआ, जिसकी 1 जनवरी, 1983 योग्यता तिथि मानी गई थी, जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल, 1983 को ही मिली थी।

उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी का नाम मूल नागरिकता की आवश्यकता पूरी किए बिना दो बार मतदाता सूची में दर्ज हुआ, पहली बार 1980 में एक इटली नागरिक के रूप में और फिर 1983 में कानूनी रूप से भारत की नागरिक बनने से कुछ महीने पहले।

मालवीय ने यह भी सवाल उठाया कि राजीव गांधी से शादी करने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता स्वीकार करने में 15 साल क्यों लग गए। उन्होंने अपने पोस्ट के साथ 1980 की मतदाता सूची का एक अंश शेयर करते हुए पूछा, “अगर यह घोर चुनावी कदाचार नहीं है, तो और क्या है?

Pic Credit : ANI

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