लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता और समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में से एक आजम खान की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर के क्वालिटी बार पर कब्जा करने के आरोप से जुड़े मामले में जमानत दे दी है। उन्हें बाकी मामलों में या तो जमानत मिल गई है या उनकी सजा पर रोक लग गई है।
रामपुर के क्वालिटी बार पर कब्जे के आरोप से जुड़े मामले की सुनवाई 21 अगस्त को जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार, 18 सितंबर को उन्होंने फैसले का ऐलान किया। आजम खान को जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। फैसले की कॉपी जेल में भेजी जाएगी और उसके बाद उनके रिहाई की प्रक्रिया शुरू होगी। वे एक या दो दिन में जेल से बाहर आ जाएंगे। गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 से आजम खान सीतापुर की जेल में बंद हैं।
पूर्व अपर महाधिवक्ता इमरान उल्ला और खालिद के साथ साथ विनीत विक्रम ने कोर्ट में आजम का पक्ष रखा। फैसले के बाद इमरान उल्ला ने कहा कि इस मामले को छोड़ कर आजम खान को पहले ही सारे मामलों में जमानत मिल चुकी है। आजम खान के वकील मोहम्मद खालिद ने मुकदमे के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘सोसायटी की प्रापर्टी में क्वालिटी बार चल रहा था। सोसायटी ने इसे खाली कराकर टेंडर किया। इसे आजम खान के बेटे और उनकी पत्नी के नाम पर मंथली एलॉट किया गया था। यह मामला 2013 का था, जिसमें 2019 में एफआईआऱ हुई। 2024 में आजम खान को आरोपी बनाया गया। हमने कोर्ट के सामने यह पक्ष रखा कि 10 साल बाद उन्हें आरोपी बनाया गया है’।