नई दिल्ली। भाजपा और जदयू के गठबंधन एनडीए में पेंच फंस गया है। केंद्रीय मंत्रियों चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने शेरो शायरी और कविता के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की है। दोनों की मांगों के कारण सीट बंटवारे का फैसला नहीं हो पाया है। दिल्ली से लेकर पटना तक बुधवार को दिन भर बैठकों का दौर चलता रहा। पटना में भाजपा कार्यालय में सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों के चयन को लेकर बैठक हुई। बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए मजबूत है। बीजेपी के नेता एनडीए के सभी दलों के नेताओं से बात कर रहे हैं। जल्दी ही सब कुछ क्लियर हो जाएगा।
इस बीच बुधवार को अपने पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि के मौके पर चिराग ने उनकी बात याद करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि, ‘जीना है तो मरना सीखो, कदम कदम पर लड़ना सीखो’। उन्होंने इशारों में कहा कि वे लड़ने के लिए तैयार हैं। कई दिनों से चल रही नाराजगी की खबरों के बीच बुधवार को वे मीडिया के सामने आए और कहा कि सही समय पर सही फैसला होगा। उन्होंने ये भी कहा कि वो नाराज नहीं हैं। ना ही उनकी कोई मांग है।
उधर, जीतनराम मांझी 15 से ज्यादा सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रामधारी सिंह दिनकर की कविता के जरिए 15 सीटों की मांग की। उन्होंने लिखा है, ‘दो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे’। हालांकि उन्होंने कहा कि सीटों को लेकर कोई झगड़ा नहीं है। मांझी ने कहा कि वे ज्यादा सीट इसलिए मांग रहे हैं ताकि उनकी पार्टी को राज्य स्तरीय दल की मान्यता मिल सके।