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छत्तीसगढ़ में पत्रकार की हत्या पर विवाद

gujarat university hostel Afghanistan Student

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़क निर्माण में गड़बड़ी और कथित घोटाले की पोल खोलने वाले साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई है। चंद्राकर वह पत्रकार थे, जिन्होंने कोबरा बटालियन के अगवा जवान की रिहाई के लिए नक्सलियों के साथ वार्ता की पहल और मध्यस्थता की थी और जवान को छुड़ा कर ले आए थे। उनकी हत्या के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों को ठिकानों पर बुलडोजर चला कर बड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मुकेश चंद्रकार की हत्या हुई है। उनके रिश्तेदार ही इस मामले में आरोपी हैं। बताया गया है कि उनका शव उनके रिश्तेदार के बैडमिंटन कोर्ट कैंपस में बने सेप्टिक टैंक में मिला है। शव को छिपाने के बाद टैंक को चार इंच कंक्रीट से ढलाई कर पैक कर दिया गया था। मुकेश चंद्रकार एक जनवरी से लापता थे। शव मिलने के बाद शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया।

बीजापुर में हुई इस हत्या के बाद पत्रकारों में नाराजगी है। पत्रकारों ने बीजापुर नेशनल हाइवे नंबर 63 पर चार घंटे तक चक्काजाम किया। वहीं, रायपुर में भी धरना प्रदर्शन किया गया। पत्रकारों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है। राजधानी दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और वुमेन प्रेस कॉर्प्स की ओर से भी इस घटना की गहरी निंदा की गई है और कार्रवाई की मांग की गई है।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। उधर भाजपा ने इस घटना को राजनीतिक रंग देते हए कहा कि  हर बार अपराध में कांग्रेस के नेता ही क्यों पकड़े जाते हैं? गौरतलब है कि आरोपियों का कांग्रेस के साथ संबंध रहा है। लेकिन इन आरोपों का जवाब देते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उप मुख्यमंत्री अरुण साव ही पीडब्लुडी मंत्री हैं और उनके विभाग के भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले पत्रकार की हत्या कर दी गई। गौरतलब है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने करीब 120 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क की खस्ताहालत को लेकर खबर बनाई थी और इसमें घोटाले का पर्दाफाश किया था।

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