नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात मोंथा अब तूफान में बदल गया है। मंगलवार की सुबह यह तूफान में बदला और उसके बाद शाम में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराया। तट से टकराने के समय इसकी रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक रही और समुद्र में पांच मीटर तक ऊंची लहरें उठीं। मछलीपट्टनम के बाद तूफान काकीनाडा और विशाखापत्तनम की ओर बढ़ा। यह 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था।
इस चक्रवाती तूफान का असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के जिलों में दिखा। इन राज्यों में सुबह से ही तेज हवा चल रही है। कई जगह पेड़ उखड़ गए हैं, समुद्र तटों पर लहरे ऊंची उठ रही है। चारों राज्यों के तटीय इलाकों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। तूफान के खतरे को देखते हुए सोमवार और मंगलवार को दक्षिण मध्य रेलवे जोन की 120 ट्रेनें रद्द की गईं।
ट्रेन के अलावा विमान सेवा भी प्रभावित हुई है। विशाखापट्टनम हवाईअड्डे से सभी 32 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। वहीं, विजयवाड़ा हवाईअड्डे से 16 और तिरुपति हवाईअड्डे से चार उड़ानें कैंसिल की गई हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान के असर से केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में अगले तीन दिन तक बारिश हो सकती है। इस बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को चक्रवात मोंथा को लेकर रेलवे की तैयारियों की समीक्षा की। मंत्री ने रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित इलाकों में ट्रेन सेवाएं समय पर रोकी जाएं, सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएं और जरूरत पड़ने पर यात्रियों को वैकल्पिक सुविधाएं दी जाएं।
