नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जस्टिस यशवंत वर्मा को अपने यहां काम नहीं करने देने पर अड़ा है। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना से मुलाकात की। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के साथ साथ पांच और हाई कोर्ट्स के बार एसोसिएशन के पदाधिकारी चीफ जस्टिस से मिले और उनसे जस्टिस वर्मा का तबादला दिल्ली से इलाहाबाद हाई कोर्ट में करने के फैसले को वापस लेने की मांग की। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा के घर में नकदी मिलने की घटना के बाद उनका तबादला करने की सिफारिश सरकार को भेजी है।
उससे पहले गुरुरवार को छह हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन के पदाधिकारी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना से मिले और जस्टिस वर्मा के तबादले पर विचार करने की मांग की। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि चीफ जस्टिस से उन लोगों ने मुलाकात कर अपनी मांग रखी है। उन्होंने बताया कि चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा के तबादले की कॉलेजियम की सिफारिश को वापस लेने की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया। बार एसोसिएशन के सदस्य कॉलेजियम के अन्य सदस्यों से भी मिले।
बार एसोसिएशन के सदस्यों ने चीफ जस्टिस और कॉलेजियम को एक ज्ञापन दिया। इसमें कहा गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग लगी थी। इसके एक दिन बाद किसी ने उनके घर से सामान हटा दिया था। ऐसे मामलों में अन्य लोगों के शामिल होने और एफआईआर दर्ज नहीं होने से जांच पर उलटा असर पड़ेगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अलावा गुजरात, केरल, जबलपुर, कर्नाटक और लखनऊ हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने चीफ जस्टिस से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कॉलेजियम के अन्य सदस्यों जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ से भी मुलाकात की।