नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता मीडिया में इस बात की आलोचना कर रहे थे कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के लगाए आरोपों का आधिकारिक रूप से जवाब नहीं दे रहा है। राहुल खुद भी इस तरह के आरोप लगा रहे थे। लेकिन अब चुनाव आयोग ने उनको चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। आयोग ने पहले कहा था कि राहुल आधिकारिक रूप से चिट्ठी लिखेंगे तो उनको जवाब दिया जाएगा और समय मांगेंगे तो मिलने का समय दिया जाएगा। हालांकि राहुल गांधी ने समय नहीं मांगा है लेकिन चुनाव आयोग ने चिट्ठी लिख कर उनको बुलाया है।
इस चिट्ठी में चुनाव आयोग ने उनको महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली के उनके आरोपों पर चर्चा के लिए बुलाया है। बताया जा रहा है कि अंग्रेजी के एक अखबार में राहुल गांधी के लेख लिखने के बाद ही 12 जून को मेल के जरिए और राहुल के आवास पर भी आयोग की चिट्ठी भेजी गई। खबरों के मुताबिक आयोग ने चिट्ठी में लिखा है, ‘भारत की संसद के पारित इलेक्टोरल लॉ, उसके नियमों और समय समय पर चुनाव आयोग के निर्देशों के जरिए बहुत सख्ती से देश में चुनाव आयोजित कराए जाते हैं’।
चिट्ठी में आयोग ने लिखा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रक्रिया विधानसभा क्षेत्र स्तर पर आयोजित की गई। इसमें चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त 1,00,186 से ज्यादा बूथ लेवल ऑफिसर यानी बीएलओ, 288 इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर, 139 जनरल ऑब्जार्वर, 41 पुलिस ऑब्जर्वर, 71 खर्च ऑब्जर्वर और 288 रिटर्निंग अधिकारी और महाराष्ट्र में राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय पार्टयों के नियुक्त एक लाख आठ हजार से ज्यादा बूथ स्तर के एजेंट शामिल हैं। इनमें कांग्रेस के 28,421 एजेंट शामिल हैं।
गौरतलब है कि राहुल ने अंग्रेजी के एक अखबार में लेख लिख कर आरोप लगाया था, ‘महाराष्ट्र चुनाव में मैच फिक्सिंग की गई थी। इसी तरह की फिक्सिंग अब बिहार में होगी, फिर वहां होगी जहां भाजपा हारती दिख रही हो’। बाद में उन्होंने मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक नहीं करने के और सारे फुटेज 45 दिन में डिलीट करने के चुनाव आयोग के फैसले की भी आलोचना की और कहा कि जिसको जवाब देना है वही सबूत मिटा रहा है। दूसरी ओर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने राहुल के दावे पर कहा था, ‘ये कांग्रेस की हार से उपजा एक हताशा भरा दावा है’।