नई दिल्ली। अमेरिका की ओर से लगाई गई 50 फीसदी टैरिफ से इस साल भारत की जीडीपी की विकास दर आधा फीसदी तक कम हो सकती है। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने इस बात की आशंका जताई है। ‘ब्लूमबर्ग टीवी’ को दिए इंटरव्यू में नागेश्वरन ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि ये अतिरिक्त टैरिफ ज्यादा दिन नहीं चलेगा। इस फाइनेंशियल ईयर में ये टैरिफ जितने समय तक रहेगा, उसका जीडीपी पर 0.5 फीसदी से 0.6 फीसदी तक असर हो सकता है’।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर ये टैरिफ अगले साल तक खिंचता है, तो असर और बड़ा होगा, जिससे भारत के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है’। गौरतलब है कि अप्रैल से जून की तिमाही में विकास दर 7.8 फीसदी की रही है। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 के लिए अर्थव्यवस्था 6.3 से 6.8 फीसदी तक की रफ्तार से बढ़ेगी। हाल ही में खपत और डायरेक्ट टैक्स में कटौती, साथ ही आठ साल के निचले स्तर पर महंगाई, अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत सपोर्ट हैं।
नागेश्वरन ने कहा, ‘ये कदम डिस्पोजेबल इनकम और खर्च को बढ़ाएंगे। पिछले हफ्ते जरूरत की चीजों पर वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी में कमी से मांग बढ़ाने की कोशिश की गई है। अनुमान है कि इस टैक्स सुधार से जीडीपी में 0.2 से 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी’। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस साल 4.4 फीसदी के वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक से मिला पे आउट और एसेट बिक्री से राजस्व की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।