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चीन अगर ब्रह्मपुत्र का पानी रोकेगा तो हमें ही होगा फायदा: सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

Guwahati, Apr 24 (AN): Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma addresses a press conference, at Lok Sewa Bhawan, Dispur in Guwahati on Thursday. (ANI Photo)

Himanta Biswa Sarma : पाकिस्तान की ओर से ‘ब्रह्मपुत्र’ नदी को लेकर भ्रम फैलाए जाने पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान सामने आया है। उन्होंने झूठ फैलाने के लिए पाकिस्तान को आईना दिखाया है। 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, “क्या होगा अगर चीन भारत को ‘ब्रह्मपुत्र’ का पानी देना बंद कर दे? पाकिस्तान के नए डराने वाले बयान का जवाब। भारत ने पुरानी सिंधु जल संधि से निर्णायक रूप से खुद को अलग कर लिया है और इसके बाद पाकिस्तान अब एक और मनगढ़ंत धमकी दे रहा है। अगर चीन ने ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दिया तो? आइए, इस मिथक को तथ्यों और स्पष्टता के साथ तोड़ते हैं।

सीएम सरमा ने पाकिस्तान को तथ्यों के साथ जवाब दिया और कहा, “ब्रह्मपुत्र: भारत में बढ़ने वाली नदी। ‘ब्रह्मपुत्र’ के कुल पानी में चीन का 30-35 प्रतिशत योगदान है, जो ज्यादातर हिमनदों के पिघलने और तिब्बत की कम बारिश से होता है। बाकी 65-70 प्रतिशत पानी का हिस्सा भारत से ही आता है, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश, असम, नगालैंड, और मेघालय में भारी मानसून से नदी में पानी आता है। साथ ही, सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भाराली, कोपिली, कृष्णाई, दिगारू और कुलसी जैसी सहायक नदियां ब्रह्मपुत्र को जल पहुंचाती हैं।

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उन्होंने आगे कहा, “भारत-चीन सीमा तूतिंग पर पानी का बहाव 2,000 से 3,000 क्यूबिक मीटर/सेकंड होता है, जबकि असम के मैदानों जैसे गुवाहाटी में मानसून में 15,000 से 20,000 क्यूबिक मीटर/सेकंड हो जाता है। ब्रह्मपुत्र ऐसी नदी नहीं है, जिस पर भारत ऊपरी हिस्से पर निर्भर है। यह भारत की बारिश से पोषित नदी है, जो हमारे क्षेत्र में और मजबूत होती है।

सीएम सरमा ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा, “पाकिस्तान को सच जानना चाहिए। अगर चीन ने पानी का बहाव कम किया (जो संभावना कम है, क्योंकि चीन ने कभी ऐसी धमकी नहीं दी), तो यह भारत के लिए असम की वार्षिक बाढ़ को कम करने में मदद कर सकता है, जो हर साल लाखों लोगों को विस्थापित करती है और आजीविका नष्ट करती है। जबकि पाकिस्तान, जिसने 74 साल तक सिंधु जल संधि के तहत पानी का विशेष अधिकार लिया, अब घबराया हुआ है, क्योंकि भारत अपने संप्रभु अधिकारों को वापस ले रहा है। याद रखें कि ब्रह्मपुत्र एक स्रोत पर निर्भर नहीं है, यह हमारी भौगोलिक स्थिति, मानसून और सभ्यता की ताकत से चलती है। ब्रह्मपुत्र सत्य है।

Pic Credit : ANI

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