नई दिल्ली। ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के एक दिन बाद ईरान ने सीधे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लेकर चेतावनी दी है। ईरान ने कहा है कि भले अमेरिका ने यह युद्ध शुरू किया लेकिन इसका अंत ईरान करेगा। उधर अमेरिका में इस बात की चिंता बढ़ गई है कि पश्चिम एशिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों पर हमला हो सकता है। सोमवार को ही सीरिया के हसाका प्रांत में एक अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमला हुआ। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि हमला ईरान ने किया या किसी और ने।
अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि, ईरान अपने परमाणु ठिकानों पर हमलों के जवाब में पश्चिम एशिया में स्थित अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने की योजना बना रहा है। इस आशंका के बीच ईरानी सेना की सेंट्रल कमान के प्रवक्ता इब्राहिम जुल्फाघारी ने राष्ट्रपति ट्रंप का नाम लेकर कहा है, ‘गैम्बलर ट्रंप तुमने भले यह जंग शुरू की है लेकिन इसका अंत हम करेंगे’। ईरान की यह चेतावनी मामूली नहीं है। गौरतलब है कि पश्चिम एशिया के अलग अलग हिस्सों में अमेरिका के 50 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
अपने नागरिकों पर हमले की आशंका को देखते हुए अमेरिका ने कतर में अपने नागरिकों को अगले आदेश तक शेल्टर में रहने की सलाह दी है। कतर में अमेरिकी नागरिकों को दूतावास की तरफ से ईमेल भेजा गया है। दूतावास ने कहा कि लोगों को और सतर्क रहने के लिए यह अपील की गई है। कतर में अल उदीद एयरबेस है, जहां अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमान का मुख्यालय है। वहां करीब 10 हजार सैनिक रहते हैं। उधर इराक की सरकारी बसरा ऑयल कंपनी ने एक बयान में कहा कि इराकी तेल क्षेत्रों में काम करने वाली एनी, बीपी और टोटल एनर्जीज ने अपने कई विदेशी कर्मचारियों को निकाला है।
इस बीच ईरान पर अमेरिका हमले के बाद होर्मुज स्ट्रेट लगभग बंद हो गया है। मैरीन ट्रैफिक शिपिंग डेटा के मुताबिक, तीन ऑयल और कैमिकल टैंकर ने होर्मुज स्ट्रेट से यू टर्न लिया है। गौरतलब है कि रविवार को अमेरिकी हमलों के बाद ईरानी संसद ने होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से पूरी दुनिया में तेल की कीमतें बढ़ेंगी। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे लेकर भी चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा है कि तेल की कीमतों पर उनकी नजर है। गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ कर 81 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो गई हैं।
इस बीच खबर है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मदद मांगी है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची मॉस्को में पुतिन से मिलने पहुंचे हैं। वे खामेनेई की एक चिट्ठी लेकर गए हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक रूस के रुख से ईरान संतुष्ट नहीं है। हालांकि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ईरान पर अमेरिका के हमले की निंदा की है।