टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे में भारत और जापान के बीच कई समझौते हुए हैं। जापान ने अगले 10 साल में भारत में छह लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का ऐलान किया है। इसके अलावा भारत व जापान के बीच चंद्रयान पांच मिशन को लेकर एक अहम समझौते पर दस्तखत हुए। यह मिशन दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी का साझा अभियान होगा। इसमें दोनों मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव का अध्ययन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को दो दिन के दौर पर जापान पहुंचे हैं, जहां उन्होंने टोक्यो में आयोजित 15वें भारत-जापान सम्मेलन में हिस्सा लिया।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री इशिबा की मौजूदगी में कई समझौता ज्ञापनों का आदान प्रदान हुआ। जापानी प्रधानमंत्री इशिबा ने भारत में अगले 10 सालों में 10 ट्रिलियन येन यानी करीब छह लाख करोड़ रुपए निवेश करने की बात कही है। उन्होंने भारत और जापान के छोटे व मझोले उद्योग यानी एमएसएमई और स्टार्टअप को जोड़ने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों की साझेदारी को दुनिया की शांति के लिए अहम बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने मिल कर अगले 10 साल के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। मोदी ने अगल भारत-जापान सम्मेलन के लिए इशिबा को भारत आने का न्योता दिया। रूस और यूक्रेन जंग पर भारत का रुख साफ करते हुए इसे मानवता के आधार पर देखने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि यह उनकी आठवीं जापान यात्रा है। टोक्यो पहुंचे पर स्थानीय कलाकारों ने होटल में उनका गायत्री मंत्र से स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात की।
दोनों देशों के नेताओं की वार्ता के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत और जापान ने पीपल टू पीपल एक्सचेंज के लिए एक बड़ी योजना पर सहमति बनाई है। इस योजना के तहत अगले पांच सालों में दोनों देशों के बीच पांच लाख लोगों का आपसी आदान-प्रदान होगा। इसमें भारत से करीब 50 हजार कुशल और अर्धकुशल पेशेवर जापान जाएंगे, जहां वे काम कर सकेंगे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि एक दिन पहले बिजनेस फोरम में निजी सेक्टर की कंपनियों ने 150 समझौता ज्ञापनों की घोषणा की है। इन समझौतों की कुल कीमत 13 अरब डॉलर यानी एक लाख करोड़ रुपए से अधिक है। मिस्री ने कहा, ‘ये भारत और जापान के संबंधों में भरोसे को दिखाता है’। विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत और जापान के बीच सुरक्षा सहयोग को लेकर कई घोषणाएं हुई हैं। यह दोनों देशों को आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा। इसमें साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, रक्षा उद्योग, विकास, और दूसरे मुद्दों पर मदद शामिल है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच औपचारिक बातचीत भी जल्दी शुरू होगी।
