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राहुल पर स्पीकर की टिप्पणी का विवाद बढ़ा

Rahul Gandhi

(Rahul Gandhi) नई दिल्ली। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर स्पीकर ओम बिरला की ओर से की गई टिप्पणी का मुद्दा लगातार दूसरे दिन उठाया। गुरुवार को विपक्षी पार्टियों ने इस टिप्पणी पर राजनीति किए जाने का आरोप लगाया। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन स्पीकर से मुलाकात कर इस बात पर आपत्ति जताई कि नेता प्रतिपक्ष को सदन में नहीं बोलने दिया जा रहा है।

गुरुवार को स्पीकर से मुलाकात में विपक्षी नेताओं ने सदन में राहुल गांधी को बोलने का मौका नहीं दिए जाने पर अपना नाराजगी जाहिर की और इस संबंध में एक पत्र भी सौंपा। विपक्षी पार्टियों ने इस इस पत्र में कई मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर नहीं देने का मुद्दा उठाया है और साथ ही लोकसभा उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं कराए जाने और विपक्ष के सांसदों का माइक बंद करने जैसे आठ मुद्दे उठाए हैं।

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राहुल गांधी को बोलने नहीं देने पर विपक्ष का विरोध तेज (Rahul Gandhi)

विपक्षी सांसदों ने स्पीकर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है और कहा है कि विपक्षी सांसद बोलने खड़े होते हैं तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्ता पक्ष के सदस्यों को हर समय बोलने की इजाजत दी जाती है। विपक्ष ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि नियम 193 के तहत कोई चर्चा नहीं कराई जाती है और आसन की ओर से काम रोको प्रस्ताव को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि कार्य मंत्रणा समिति के फैसलों की अनदेखी की जाती है और सदस्यों के निजी विधेयकों व प्रस्तावों की उपेक्षा होती है। (Rahul Gandhi)

विपक्ष ने कहा है कि सदन में यह एकतरफा नियंत्रण लोकतांत्रिक बहस की भावना को कमजोर करता है। स्पीकर से मिलने गए विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, डीएमके सांसद ए राजा, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव, उद्धव ठाकरे की शिव सेना के अरविंद सावंत, शरद पवार की एनसीपी की सुप्रिया सुले के साथ राजद और अन्य पार्टियों के नेता शामिल थे।

स्पीकर से मुलाकात के बाद गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्षी नेताओं के दस्तखत वाला पत्र स्पीकर ओम बिरला को सौंपा गया है, जिसमें सदन के संचालन में नियमों, परंपराओं की धज्जियां उड़ाए जाने पर सामूहिक चिंता और निराशा जताई गई है। स्पीकर की ओर से नियम 349 का संदर्भ लेकर नेता विपक्ष पर टिप्पणी के मामले में उन्होंने कहा कि वह किस विशिष्ट घटना का जिक्र कर रहे थे, यह स्पष्ट नहीं है। साथ ही हमने स्पीकर का ध्यान आकृष्ट किया कि किस तरह उनकी टिप्पणी का इस्तेमाल कर दुष्प्रचार और राजनीति की जा रही है। (Rahul Gandhi)

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