नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस की स्थापना के सौ साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर बुधवार को संघ और स्वंयसेवकों की जम कर तारीफ की। उन्होंने शताब्दी समारोह में कहा, ‘संघ के स्वयंसेवकों ने कभी कटुता नहीं दिखाई। चाहे प्रतिबंध लगे, या साजिश हुई हो। सभी का मंत्र रहा है कि जो अच्छा है, जो कम अच्छा, सब हमारा है’। गौरतलब है कि सौ साल पहले 1925 में विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना हुई थी। इस मौके पर गुरुवार, दो अक्टूबर को नागपुर संघ मुख्यालय में स्थापना के सौ साल पूरे होने का मुख्य समारोह होगा।
उससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस के योगदान को दिखाने वाला स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक लगातार देश सेवा में जुटे हैं और समाज को सशक्त कर रहे हैं, इसकी भी झलक इस डाक टिकट में है। उन्होंने कहा, ‘मैं इसके लिए देश को बधाई देता हूं’। उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना के दिन से संघ ने राष्ट्र प्रथम की भावना से काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि 1984 के दंगों के समय संघ ने सिखों की रक्षा की थी।
संघ की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अन्याय पर न्याय, अंधकार पर प्रकाश की जीत… यह भारतीय संस्कृति के विचार और विश्वास का कालजयी उद्घोष है। ऐसे महान पर्व पर एक सौ साल पहले आरएसएस की स्थापना संयोग नहीं था। ये हजारों साल की परंपरा का पुनरुत्थान था, जिसमें राष्ट्र चेतना समय-समय पर उस युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए अवतारों में प्रकट होती है। संघ उसी अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार है’।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर घुसपैठियों का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘दूसरे देशों पर आर्थिक निर्भरता, डेमोग्राफी में बदलाव के षड्यंत्र जैसी चुनौतियों से हमारी सरकार तेजी से निपट रही है। स्वयंसेवक होने के नाते मुझे खुशी है कि संघ ने इसके लिए ठोस रोडमैप भी बनाया है’। उन्होंने कहा, ‘घुसपैठियों से बड़ी चुनौती मिल रही है। हमें इससे सतर्क रहना है’। RSS दशहरा से अपना शताब्दी वर्ष कार्यक्रम शुरू कर रहा है।