नई दिल्ली। बुधवार को 76वां संविधान दिवस मनाया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जम कर तारीफ की। साथ ही राष्ट्रपति ने संविधान को नौ नई भाषाओं में जारी किया। अब भारत का संविधान मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगू, ओड़िया और असमिया में भी उपलब्ध होगा।
इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने सरकार की तारीफ करते हुए कहा, ‘संसद ने तीन तलाक जैसी सामाजिक बुराई को खत्म कर महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है’। उन्होंने कर सुधार के लिए जीएसटी की तारीफ की और कहा, ‘जीएसटी आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स सुधार है, जिसने देश की आर्थिक एकता को मजबूत किया है’। राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले की भी तारीफ की और कहा कि इससे देश की राजनीतिक एकता में आ रही बाधा दूर हुई।
उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन कानून महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की नई शुरुआत करेगा। इस दौरान उन्होंने संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी। गौरतलब है कि 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। 76वें संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दोनों सदनों के सांसद शामिल हुए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “26 नवंबर 1949 को इसी केंद्रीय कक्ष में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत का संविधान तैयार करने का काम पूरा किया था। इसी दिन ‘हम भारत के लोग’ ने अपने संविधान को अपनाया”। उन्होंने आगे कहा, ‘स्वतंत्रता मिलने के बाद संविधान सभा ने अंतरिम संसद का काम भी किया। डॉ. भीमराव अंबेडकर, जो ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे, हमारे संविधान के मुख्य निर्माताओं में से एक थे’।
