लखनऊ। अफगानिस्तान के तालिबान शासन के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर पाबंदी का मामला देवबंद की यात्रा के दौरान भी देखने को मिला। मुत्तकी शनिवार को देवबंद पहुंचे, जहां फूल बरसा कर उनका स्वागत किया गया और वहां से उलेमाओं ने उनको पगड़ी बांधी। हालांकि मुत्तकी देवबंद में बिना भाषण दिए ही लौट गए। उनका पहले से तय भाषण रद्द कर दिया गया और वे तय समय से ढाई घंटे पहले ही वहां से रवाना हो गए।
पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक मुत्तकी को देवबंद में शाम पांच बजे तक रुकना था, लेकिन वे ढाई बजे ही रवाना हो गए। कहा जा रहा है कि भीड़ की वजह से भाषण रद्द किया गया। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। दिल्ली की तरह वहां भी महिला पत्रकारों की एंट्री को लेकर विवाद हुआ। कार्यक्रम कवर करने पहुंचीं महिला पत्रकारों पर पाबंदी लागू कर दी गई। दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने उन्हें परदे के पीछे अलग बैठने के लिए कहा। यह स्पष्ट नहीं है कि तालिबान शासन की ओर से ऐसा कहा गया था कि देवबंद ने खुद ऐसा किया।
इससे पहले, देवबंद में मुत्तकी का फूल बरसाकर स्वागत किया गया। उनके पहुंचने पर बड़ी संख्या में छात्र उनसे मिलने के लिए टूट पड़े। भीड़ इतनी अधिक थी कि सुरक्षा घेरा टूट गया। भीड़ के चलते अफगानी मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी नहीं दिया जा सका। बाद में मुत्तकी ने कहा, ‘मैं इस गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए देवबंद के उलेमा और क्षेत्र के लोगों का शुक्रगुजार हूं। भारत-अफगानिस्तान संबंधों का भविष्य बहुत उज्ज्वल दिखाई देता है’।