तालिबानी राज में आधी आबादी जंजीरों में!
विडंबना है कि अफ़ग़ानिस्तान ने 15 अगस्त को जब स्वतंत्रता दिवस मनाया, तो गुलाब की पंखुड़ियाँ उन मर्दों पर बरसीं जिन्होंने आधे देश को पिंजरे में कैद कर रखा है। तालिबान का शासन अब दूसरे दौर के पाँचवें साल में दाख़िल है। इन पांच वर्षों में कुछ बदला नहीं। वह दुनिया का इकलौता देश है जहाँ सत्ता पूरी तरह मर्दों के हाथ में है और औरतों को न केवल घरों में, पर्दे में जकड़ दिया है बल्कि उन्हें ग़ैर-ज़रूरी बना दिया है। इक्कीसवीं सदी में भला कौन सोच सकता था कि पृथ्वी पर एक ऐसा राष्ट्र भी होगा जो आधी...