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पाकिस्तान-सऊदी अरब में सैन्य करार

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से की गई ऑपरेशन सिंदूर की सैन्य कार्रवाई के बाद अचानक पाकिस्तान को दुनिया भर का समर्थन मिलने लगा है। इसकी ताजा मिसाल सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान का हुआ सैन्य करार है। दोनों देशों के बीच एक संधि हुई है, जिसमें यह कहा गया है कि किसी एक देश पर हुआ हमला दूसरे देश पर भी हमला माना जाएगा और दोनों देश मिल कर उसका जवाब देंगे। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को इस रक्षा समझौते पर दस्तखत किए।

दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है कि यह समझौता दोनों देशों की सुरक्षा बढ़ाने और विश्व में शांति स्थापित करने की प्रतिबद्धता को दिखाता है। इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए कुछ और उपाय किए जाएंगे। कहा जा रहा है कि दोनों के बीच इस तरह का समझौता हुआ है, जिससे जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी सऊदी अरब कर सकेगा। गौरतलब है कि सऊदी अरब अमेरिका का बड़ा साझीदार है। इस संधि से पाकिस्तान की वैश्विक ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है।

हालांकि भारत की ओर से दावा किया गया है उसको पहले से इस संधि की जानकारी थी। सऊदी अरब और पाकिस्तान के रक्षा समझौते पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार को इसकी जानकारी पहले से थी। बहरहाल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्रीर शहबाज शरीफ के साथ पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसीम मुनीर, उप प्रधानमंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब और अनेक नेता व अधिकारी सऊदी अरब पहुंचे हैं।

बताया जा रहा है कि जिस समय इस रक्षा समझौते पर दस्तखत किए गए उस समय पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसीम मुनीर भी वहां मौजूद थे। हालांकि सऊदी अरब की ओर से कहा जा रहा है कि यह समझौता किसी खास देश या घटना के खिलाफ नहीं हुआ है, बल्कि दोनों देशों के बीच लंबे समय तक चलने वाले गहरे सहयोग का आधिकारिक रूप है। गौरतलब है कि इजराइल ने नौ सितंबर को कतर की राजधानी दोहा में हमास चीफ खलील अल हय्या को निशाना बनाकर हमला किया था। इस हमले में अल हय्या बच गया था, लेकिन छह अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 14 सितंबर को दोहा में करीब 50 मुस्लिम देशों के नेता इजराइल के खिलाफ एक खास बैठक के लिए इकट्ठा हुए थे। बताया जा रहा है कि वहां पाकिस्तान ने सभी इस्लामी देशों को नाटो जैसा एक संगठन बनाने के लिए कहा था।

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