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लोकसभा में दिन भर हंगामा

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नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के चलते कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई। आखिर में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए सदन में नारेबाज़ी की।

शोर-शराबे के बीच कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक, फिर 2 बजे तक, और अंततः 4 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। जब कार्यवाही पुनः शुरू हुई, तो पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, “आपने सुबह से सदन नहीं चलने दिया है, कृपया अपने स्थान पर जाएं।”

सभापति ने दिन की कार्यसूची में शामिल ‘गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह गोवा की जनजातियों के अधिकारों से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय है। हंगामा जारी रहने पर उन्होंने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

सुबह की बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दिवंगत पूर्व सदस्यों, पहलगाम हमले, अहमदाबाद विमान हादसे और देशभर में आई प्राकृतिक आपदाओं में जान गंवाने वालों के लिए सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में मौजूद थे।

अध्यक्ष ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के सफल मिशन का भी उल्लेख करते हुए अंतरिक्ष विषय पर विशेष चर्चा की घोषणा की। लेकिन जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्षी सदस्य नारेबाज़ी करते हुए आसन के पास पहुंच गए। बिड़ला ने बार-बार अपील की कि प्रश्नकाल के बाद सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं, लेकिन हंगामा नहीं थमा।

राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और रक्षा खडसे ने कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए, लेकिन आसन ने चेतावनी दी कि नारेबाज़ी सदन के भीतर उचित नहीं और यदि ऐसा करना है तो बाहर जाएं। पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में चर्चा के विषयों पर सर्वसम्मति बनाई जाएगी और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वस्त किया, “सदन में रक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर, जितनी लंबी चर्चा चाहिए, हम तैयार हैं।” संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी बीएसी बैठक के माध्यम से विपक्ष की मांगों पर चर्चा का भरोसा दिलाया।

इस बीच कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी को बोलने की अनुमति की मांग करते रहे। पाल ने कहा कि जिन विषयों पर सहमति बनेगी, विपक्ष को बोलने का मौका अवश्य मिलेगा।

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