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साझेदारी बढ़ाएंगे भारत और मिस्र

कैरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिस्र की अपनी पहली यात्रा में सामरिक साझेदारी बढ़ाना का एक अहम समझौता किया। दो दिन की अपनी यात्रा के दूसरे दिन रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सिसी से मुलाकात की। दोनों नेताओं की आमने सामने की वार्ता हुई, जिसके बाद भारत और मिस्र ने दोपक्षीय सामरिक साझेदारी बढ़ाने के एक अहम समझौते पर दस्तखत किए। रविवार को अपनी यात्रा पूरी करके प्रधानमंत्री मोदी भारत के लिए रवाना हो गए।    इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी को रविवार को मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने मिस्र का सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ से सम्मानित किया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के अलग अलग देशों में मिला 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है। रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने 11वीं सदी की ऐतिहासिक अल-हकीम मस्जिद और कैरो में हेलियोपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर कब्रिस्तान का दौरा किया।

प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की चार दिन की अपनी यात्रा के बाद शनिवार को मिस्र पहुंचे थे। कैरो हवाईअड्डे पर मिस्र के प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया था। अगले दिन रविवार को मोदी मिस्र के राष्ट्रपति से मिले और दोनों में दोपक्षीय वार्ता हुई। गौरतलब है कि मिस्र के राष्ट्रपति के न्योते पर प्रधानमंत्री मोदी मिस्र के दौरे पर गए थे। यह 26 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली दोपक्षीय यात्रा थी। अब्दुल फतेह अल-सिसी इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत में मुख्य अतिथि थे और इस साल सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा करने का भी उनका कार्यक्रम है। मिस्र को उस सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने मिस्र की करीब एक हजार साल पुरानी मस्जिद के दौरा किया और उन्होंने मस्जिद की दीवारों और दरवाजों पर जटिल नक्काशीदार शिलालेखों की तारीफ भी की। ध्यान रहे इस मस्जिद का पुनर्निर्माण भारत के दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से किया गया है। उन्होंने 1970 के बाद इस मस्जिद का जीर्णोद्धार किया और तब से इसका रख-रखाव कर रहे हैं। मोदी ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन रविवार को हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान में पहले विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। यह स्मारक करीब चार हजार भारतीय सैनिकों की याद में बना है, जो पहले विश्व युद्ध में मिस्र और फिलस्तीन में लड़ते हुए मारे गए थे।

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