नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से शरणार्थी कार्ड बांटे जाने पर नाराजगी जताई है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त, यूएनएचसीआर की ओर से भारत में प्रवासियों को शरणार्थी कार्ड बांटे जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक मामले की सुनवाई में इस पर आपत्ति जताई। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘यूएनएचसीआर ने यहां एक शोरूम खोल रखा है और सर्टिफिकेट बांट रहा है’।
असल में सुप्रीम कोर्ट 2013 से भारत में रह रहे एक सूडानी व्यक्ति की हिरासत से बचने के लिए अंतरिम संरक्षण की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सूडानी व्यक्ति का दावा है कि उसकी पत्नी और दो बच्चे हैं, जिन्हें यूएनएचसीआर ने शरणार्थी कार्ड जारी किया है। वह ऑस्ट्रेलिया में शरण चाहते हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, ‘शरणार्थी कार्ड पाने वाले लोगों को विदेशों रजिस्ट्रेशन कार्यालय और मानवाधिकार मंत्रालय अलग तरीके से देखते हैं। कार्ड पाने की प्रक्रिया सालों तक चलती है और इसमें जांच होती है’।
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वे इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन यह एक गंभीर मामला है। अदालत को बताया गया कि पिछले दो महीनों में दिल्ली में अफ्रीकी प्रवासियों को बिना कारण हिरासत में लेने का अभियान चल रहा है, जिससे उन्हें डर है। इसके लिए उन्होंने अंतरिम सुरक्षा की मांग की है। इस पर कोर्ट ने याचिका खारिज की और कहा कि व्यक्ति को ऑस्ट्रेलिया जाने का प्रयास करना चाहिए और उन्होंने याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अतिरिक्त सुरक्षा के आदेश लेने की अनुमति दी।