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बंगाल की हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना, मालदा आदि जिलो में वक्फ कानून के खिलाफ हो रही हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने मुर्शिदाबाद हिंसा और मौतों की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाने और सुप्रीम कोर्ट से इस जांच की निगरानी करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को लोगों की जान बचाने और आगे की हिंसा को रोकने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।

इस बीच सोमवार, 14 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के बाद 24 दक्षिण परगना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प हुई। बसंती हाईवे पर बैरमपुर में पुलिस ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट यानी आईएसएफ के कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही एक गाड़ी को रोका, जिससे हिंसा भड़क गई। बताया जा रहा है कि भांगर, मिनाखा, संदेशखाली से आईएसएफ कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सुबह 10 बजे हाईवे जाम कर दिया था।

रामलीला मैदान जा रहे कार्यकर्ताओं ने पुलिस को घेर लिया। इन्हें तितर बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हाईवे पर हालात काबू में आ गए, लेकिन उग्र भीड़ ने शोणपुर में पुलिस की पांच बाइक में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी। कैदियों को ले जाने वाली वैन को पलटा दिया और उसमें भी तोड़फोड़ की।

मुर्शिदाबाद हिंसा स्थिति सामान्य, आरोप जारी

इस बीच बताया जा रहा है कि मुर्शिदाबाद में 10 अप्रैल से हुई हिंसा के बाद अब हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे हैं। सोमवार को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने कहा कि दुकानें खुलने लगी हैं। अब तक 19 विस्थापित परिवार अपने घर लौट चुके हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन मिलकर लोगों की सुरक्षित वापसी करवा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 210 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और पिता-पुत्र की हत्या मामले में अलग केस दर्ज किया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

एक तरफ भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है तो दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद कुणाल घोष ने मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे भाजपा और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘हमें इनपुट मिले हैं कि हिंसा की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी। केंद्रीय एजेंसियां, बीएसएफ और कुछ राजनीतिक दलों का एक सेक्शन इस साजिश में शामिल था।

बीएसएफ ने मदद करके उपद्रवियों को राज्य का बॉर्डर पार करवाया। कुछ उपद्रवी मुर्शिदाबाद के इलाके में घुसे, अराजकता फैलाई और बीएसएफ ने उन्हें वापस जाने के लिए भी मदद की’। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद हिंसा की NIA जांच की मांग की है।

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Pic Credit: ANI

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