Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर सरकार का जवाब

electoral bonds data

electoral bonds data

नई दिल्ली। मुख्य चनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बनाए गए नए कानून को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। इस कानून का बचाव करते हुए सरकार ने कहा- यह दलील गलत है कि किसी संवैधानिक संस्था की स्वतंत्रता तभी होगी, जब चयन समिति में कोई न्यायिक सदस्य होगा। सरकार ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है। सरकार ने इस कानून को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की अपील करते हुए कहा कि इसका मकसद सिर्फ राजनीतिक विवाद खड़ा करना है।

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के नए कानून को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की। इससे पहले अदालत ने इस याचिका पर 12 जनवरी को सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सरकार ने बुधवार को अपना जवाब दाखिल किया।

गौरतलब है कि दो मार्च 2023 को मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। अदालत ने आदेश दिया था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक पैनल करेगा, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल होंगे। इससे पहले सिर्फ केंद्र सरकार इनका चयन करती थी। उसे बदलते हुए पांच जजों की बेंच ने कहा था कि तीन सदस्यों की कमेटी अब नियुक्ति का फैसला करेगी।

सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि यह प्रक्रिया तब तक लागू रहेगा, जब तक संसद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर कोई कानून नहीं बना लेती। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार पिछले साल मॉनसून सत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा, शर्तें और अवधि से जुड़ा बिल पेश किया, जिसे शीतकालीन सत्र में पास कराया गया। इस बिल के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति तीन सदस्यों का पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। पैनल से चीफ जस्टिस को बाहर रखा गया था। इस कानून के तहत पिछले दिनों दो नए चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए है।

Exit mobile version