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चुनाव लड़ने पर आजीवन पाबंदी का सुझाव

नई दिल्ली। दोषी नेताओं के ऊपर छह साल की बजाय जीवन भर चुनाव लड़ने से रोक लगाने का सुझाव सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्र ने दी है। सुप्रीम कोर्ट ने विजय हंसारिया को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट दाखिल की है। सर्वोच्च अदालत की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी ने रिपोर्ट में कहा है कि अगर कोई नेता दोषी है तो उसके चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर शुक्रवार को आगे सुनवाई होगी।

एमिकस क्यूरी विजय हंसारिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग कानून, 2003 और लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद स्थायी अयोग्यता का प्रावधान नहीं है। धारा आठ के तहत अपराध को गंभीरता के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, लेकिन सभी मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्यता सिर्फ छह साल की अवधि के लिए है। उन्होंने इसे आजीवन करने का सुझाव दिया है।

गौरतलब है कि देश भर में सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की संख्या बढ़ी है। पूरे देश में सांसद और विधायकों के खिलाफ नवंबर 2022 तक कुल लंबित मामलों की संख्या 5,175 थी। उत्तर प्रदेश में सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की संख्या सबसे ज़्यादा है। उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा 546 केस बिहार में सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित हैं। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होनी है। एमिकस क्यूरी विजय हंसारिया के सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा।

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