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मणिपुर में हिंसा, प्रदर्शन

इम्फाल। मणिपुर में पांच महीने से चल रही जातीय हिंसा के बीच प्रदर्शनों का नया दौर शुरू हो गया है। जुलाई में अगवा किए गए दो नाबालिग छात्रों के शव की फोटो वायरल होने के बाद से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। मंगलवार को शुरू हुआ प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। गुरुवार को इम्फाल वेस्ट जिले के टेरा में दो लापता छात्रों के घर के पास बड़ा प्रदर्शन हुआ। हजारों लोग उनके घर के पास इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने जुलाई से लापता छात्रों की तलाश की जाए और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए।

गौरतलब है कि मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल होने के बाद सोमवार को दोनों छात्रों के शव की तस्वीरें वायरल हुईं और मंगलवार को इसे लेकर प्रदर्शन शुरू हुआ। बड़ी संख्या में छात्र इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने थोबुल में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी और बाद में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष के घर पर भी हमला किया। इस बीच सरकार ने 19 थाना क्षेत्रों को छोड़ कर बाकी प्रदेश में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी अफस्पा जारी रखने का फैसला किया है। उसे लेकर भी विवाद हो रहा है क्योंकि सिर्फ कुकी-जोमी इलाकों में अफस्पा बढ़ाया गया है, जबकि ज्यादातर हिंसा उन 19 थाना क्षेत्रों में हुई है, जिसे अफस्पा से बाहर रखा गया है।

बहरहाल, लापता छात्रों में एक लड़की और एक लड़का है। परिजनों का कहना है कि उन्हें बच्चों के शव सौंप दिए जाएं। उन्होंने कहा है कि वे किसी भी बात पर समझौता नहीं करेंगे, यहां तक कि जब तक शव उन्हें नहीं दिया जाता, तब तक आर्थिक मुआवजा भी स्वीकार नहीं करेंगे। गौरतलब है कि अभी तक दोनों छात्रों के शव बरामद नहीं हुए हैं। असल में मणिपुर में 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से पाबंदी हटने के बाद दोनों छात्रों के शवों की फोटो सामने आई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

पिछले तीन दिन से चल रहे प्रदर्शन के दौरान बुधवार की शाम को थोबुल जिले के भाजपा मंडल ऑफिस को प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने आग लगा दी। इसके बाद मणिपुर की भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी के घर पर भी उग्र भीड़ ने हमला किया। हमले को लेकर भाजपा नेता ने बताया कि मणिपुर के दूसरे हिस्सों में भी बीजेपी ऑफिस पर हमले होने की खबर मिल रही है।

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