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सुरक्षा के सवाल पर संसद ठप्प

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर लगातार दूसरे दिन संसद में हंगामा और विरोध प्रदर्शन जारी रहा। विपक्षी पार्टियों के हंगामे की वजह से सत्र के 10वें दिन यानी शुक्रवार को कामकाज नहीं हो सका और दोनों सदन ठप्प रहे। संसद में चूक और 14 विपक्षी सांसदों को सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित किए जाने के खिलाफ शुक्रवार को विपक्षी सांसदों ने संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया। विपक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सदन में बयान देने और इस्तीफा देने की मांग की।

संसद की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सुबह 11 बजे जैसे ही कुर्सी पर बैठे, हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष के सांसद नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए। हंगामे के चलते दो मिनट में ही लोकसभा स्थगित कर दी गई। उधर राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया और 10 मिनट के अंदर ही उच्च सदन भी स्थगित हो गई। दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की गई।

दोपहर दो बजे जब दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामा हुआ। इसके बाद कार्यवाही सोमवार 18 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई। इससे पहले, शुक्रवार को संसद के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विपक्ष के 14 निलंबित सांसदों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दोनों सदनों में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने इन सांसदों से मुलाकात की।

गौरतलब है कि बुधवार, 13 दिसंबर को संसद पर हमले की बरसी के दिन संसद की सुरक्षा में चूक हुई थी और चार लोग संसद में घुस गए थे, जिनमें से दो लोग तो दर्शक दीर्घा से लोकसभा के अंदर कूद गए थे और स्मोक गन से धुआं फैला दिया था। इसे लेकर गुरुवार, 14 दिसंबर को भी दिनभर सदन में हंगामा हुआ था। हंगामे की वजह से लोकसभा के 13 और राज्यसभा एक विपक्षी सांसद को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में कांग्रेस के नौ, सीपीएम के दो और सीपीआई, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस के एक-एक सांसद हैं।

बहरहाल, शुक्रवार को विपक्षी सांसदों ने संसद की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर जम कर हमला बोला। डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा- भाजपा बार-बार कह रही है कि केवल वही, देश की रक्षा कर सकती है, लेकिन वह संसद की भी रक्षा नहीं कर पा रही। प्रधानमंत्री वहां अंदर हो सकते थे। संसद में वे अपने ही प्रधानमंत्री की रक्षा नहीं कर सके और फिर कह रहे हैं कि हम इस मुद्दे का राजनीतीकरण कर रहे हैं। जो कुछ भी हुआ, उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ल ने गुरुवार को कहा- संसद सदस्यों को निलंबित किया जा रहा है और सदन छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। अब विपक्ष के पास क्या बचा है? लोग सदन में बोलने के लिए विपक्ष को चुनते हैं। दूसरी ओर विपक्ष के हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा- स्पीकर ने जो भी निर्देश दिए हैं, सरकार उनका अक्षरश: पालन कर रही है। मामला कोर्ट में भी है, हाईलेवल जांच चल रही है। विपक्ष को जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए।

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