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बंगाल मामले पर राहुल ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

राहुल गांधी

New Delhi, Apr 03 (ANI): Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi speaks in the House during the Budget Session of Parliament, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo/Sansad TV)

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के शिक्षकों की नियुक्ति रद्द किए जाने के मामले में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी है। राहुल गांधी ने मंगलवार को लिखी इस चिट्ठी में राष्ट्रपति से अपील की है कि जो अच्छे शिक्षक हैं और गड़बड़ी में शामिल नहीं हैं उनकी रक्षा होनी चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में 25 हजार 753 शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी थी।

इस मामले में राहुल ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘मैं पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन भर्ती में हुए घोटाले की निंदा करता हूं। राष्ट्रपति खुद एक शिक्षक रही हैं। 25 हजार 753 लोगों कई ऐसे भी हैं, जो निर्दोष हैं। उनका इस घोटाले से कोई लेना देना नहीं है। उनकी बरखास्तगी से शिक्षा प्रणाली और परिवार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं’। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चाहती हैं कि निर्दोष शिक्षकों की नौकरी बहाल की जाए।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले में मंगलवार को फिर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पदों को बढ़ाने को लेकर पश्चिम बंगाल कैबिनेट के फैसले की सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिज संजीव खन्ना की बेंच ने कहा, ‘कैबिनेट के फैसले की जांच सीबीआई को सौंपने का कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला उचित नहीं था’। हालांकि, बेंच ने 25 हजार 753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया मामले की जांच जारी रखने की बात कही है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन अप्रैल के फैसले में इन नियुक्तियों को गलत बताया था। साथ ही कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को सही बताया था, जिसमें नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सात अप्रैल को उन शिक्षकों और कर्मचारियों से मुलाकात की थी, जिनकी भर्ती सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी है। ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश से बंधी हुई है। हालांकि यह फैसला उन लोगों के लिए अन्याय है, जो काबिल शिक्षक थे। उन्होंने कहा, ‘आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसले को स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं हैं। मुझे ऐसा कहने के लिए जेल भी डाल सकते हैं, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता है’।

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