प्रधानमंत्री का भाषण पिछले 11 वर्षों में उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्यों की निरंतरता और उसकी उपलब्धियां बताने वाला था। उन्होंने जो संकल्प जाहिर किए वह इसलिए संभव हो पाएगा क्योंकि पिछले 11 साल से निरंतर किए गए कार्यों की वजह से भारत की आधारभूत संरचना बहुत मजबूत हो गई है और अब भारत विकास और अपलब्धियों की दिशा में बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से लगातार 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। लगातार 12 बार लाल किले से तिरंगा फहराने वाले अब वे देश के दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं। प्रधानमंत्री ने लाल किले से देश और दुनिया के दूसरे देशों में रहने वाले भारतवंशियों को संबोधित करते हुए विकसित और श्रेष्ठ भारत के निर्माण का संकल्प जाहिर किया, जो न सिर्फ आत्मनिर्भर होगा, बल्कि इतना शक्तिशाली होगा, जिसकी ओर आंख उठा कर देखने की हिम्मत भी दुश्मन देश नहीं कर सकेंगे। स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिया गया प्रधानमंत्री का भाषण पिछले 11 वर्षों में उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्यों की निरंतरता और उसकी उपलब्धियां बताने वाला था। उन्होंने जो संकल्प जाहिर किए वह इसलिए संभव हो पाएगा क्योंकि पिछले 11 साल से निरंतर किए गए कार्यों की वजह से भारत की आधारभूत संरचना बहुत मजबूत हो गई है और अब भारत विकास और अपलब्धियों की दिशा में बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है।
तभी प्रधानमंत्री ने ऊर्जा से लेकर राष्ट्र की सुरक्षा तक देश को आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा की। अंतरिक्ष में अपने स्पेस स्टेशन बनाने का ऐलान किया तो युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। भारत के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ने वाले दुश्मन देश को भी चुनौती दी तो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर उसके कामकाज की तारीफ करके राष्ट्र निर्माण में इस महान संगठन के योगदान को रेखांकित किया। वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के ढांचे में बदलाव की घोषणा करके देश के आम लोगों और कारोबारियों को बड़ी राहत का ऐलान भी प्रधानमंत्री ने किया। प्रधानमंत्री ने 103 मिनट के अपने भाषण में जो महत्वपूर्ण बातें कहीं उन पर बिंदुवार विचार करने से उसके महत्व का अंदाजा होता है।
जीएसटीः सबसे पहले जीएसटी पर की गई प्रधानमंत्री की घोषणा को देखें। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष दिवाली पर दोहरी खुशियों का वादा किया। इसका मतलब है कि सरकार बहुत बड़े बदलाव करने जा रही है। यह बदलाव जीएसटी के ढांचे में होगा और उसके कई स्लैब्स को बदलने वाला भी होगा। तभी आम लोगों को बड़ी राहत मिल पाएगी। प्रधानमंत्री की इस घोषणा का अर्थ है कि जीएसटी के आठ साल पूरे होने पर सरकार ने इसके गुणदोष का विश्लेषण किया है। तभी सच्चे अर्थों में ‘एक देश, एक टैक्स’ के सिद्धांत को लागू करने के लिए टैक्स स्लैब कम करने की चर्चा हुई है। बताया जा रहा है कि 12 प्रतिशत टैक्स का स्लैब समाप्त कर करके इसके दायरे में आने वाली 99 फीसदी वस्तुओं व सेवाओं को पांच प्रतिशत के स्लैब में शामिल किया जाएगा। इसकी एक फीसदी वस्तुओं और सेवाओं को 18 फीसदी के स्लैब में ले जाया लाया जाएगा और साथ ही 28 फीसदी का स्लैब भी समाप्त करके उसकी 90 फीसदी वस्तुओं और सेवाओं को 18 फीसदी के खांचे में डाला जाएगा। इसके अलावा विलासिता की वस्तुओं के लिए एक 40 फीसदी का स्लैब अलग बनाया जाएगा। अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। परंतु प्रधानमंत्री ने जो ऐलान किया है उससे स्पष्ट है कि जीएसटी के ढांचे में बदलाव होने जा रहा है, जिसका बड़ा लाभ आम लोगों को मिलेगा।
अपने इसी स्तंभ में ‘सिर्फ मोदी है तो ही मुमकिन है’ शीर्षक से सात जुलाई 2024 को लिखे लेख में हमने आयकर छूट की सीमा बढा कर 12 लाख रुपए सालाना करने का निवेदन किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। उसी आलेख में जीएसटी का सिर्फ एक स्लैब बनाने का निवेदन भी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष लाल किले से जीएसटी के ढांचे में बदलाव की घोषणा की है तो एक बार फिर वही निवेदन है। ‘गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स’ यानी जीएसटी का सही नाम ‘सेल्स एंड सर्विसेज टैक्स’ होना चाहिए। यह नाम सही मायने में इस विभाग के कामकाज को समग्रता में प्रदर्शित करेगा। जिस तरह से प्रधानमंत्री ने योजना आयोग का नाम नीति आयोग करके उसे ज्यादा सक्षम और समग्र बनाया उसी तरह यह बदलाव भी किया जा सकता है। उपरोक्त संदर्भ में यह निवेदन भी है कि कर की सिर्फ तीन दरें होनी चाहिए। आम जनता की रोजमर्रा की जरुरत की वस्तुओं के लिए कर की दर शून्य होनी चाहिए। इसके बाद एक दर 12 फीसदी की होनी चाहिए, जो इनपुट टैक्स क्रेडिट के योग्य हो और तंबाकू व मदिरा सहित विलासिता की वस्तुओं के ऊपर 50 फीसदी टैक्स होना चाहिए।
डेमोग्राफी मिशनः प्रधानमंत्री ने संभवतः पहली बार लाल किले से देश के सामने मौजूद एक बड़ी समस्या का जिक्र किया और उससे निपटने का उपाय की भी घोषणा की। देश के सामने घुसपैठियों का एक बड़ा संकट है। चूंकि भारत की सीमा ऐतिहासिक रूप से कई तरफ से खुली हुई है, जिससे घुसपैठिए भारत आते हैं और उनकी बढ़ती आबादी की वजह से भारत की जनसंख्या संरचना बिगड़ रही है। इसे ठीक करने के लिए प्रधानमंत्री ने एक उच्चाधिकार प्राप्त डेमोग्राफी मिशन शुरू करने की घोषणा की। यह मिशन घुसपैठियों की समस्या, उनकी वजह से भारत की जनसंख्या संरचना बदलने और सामाजिक स्तरों पर हो रहे बदलाव का अध्ययन करेगा और इससे निपटने के उपाय सुझाएगा। यह बड़ी पहल है, जो बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम सहित पूर्वी व पूर्वोत्तर के कई राज्यों को एक बड़ी समस्या से छुटकारा दिलाएगा।
सुदर्शन चक्रः यह संयोग था कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस जन्माष्टमी से एक दिन पहले था। तभी प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा के लिए सुदर्शन चक्र योजना की घोषणा की। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से ऐलान किया कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए अपना सुदर्शन चक्र विकसित करेगा। यह हर तरह के हमले से भारत की रक्षा करेगा। यह भारत का अपना ‘आयरन डोम’ होगा, जो किसी भी मिसाइल हमले को नाकाम करेगा। इससे भारत के सैन्य व सामरिक रूप से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के साथ साथ उन तमाम संरचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, जो लोक सेवा से जुड़ी हैं। इनमें सरकारी प्रतिष्ठानों के साथ साथ अस्पताल और स्कूल, कॉलेज भी शामिल हैं।
अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारः भारत में कई सेक्टर ऐसे हैं, जिनमें सुधारों की बड़ी आवश्यकता है। श्रम सुधारों से लेकर कृषि सेक्टर व औद्योगिक सेक्टर में बड़े सुधारों की आवश्यकता है तो साथ ही वित्तीय व आर्थिक क्षेत्र में भी सुधार अति आवश्यक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पिछले 11 वर्ष से लगातार सुधार कर रही है। पिछले वर्ष आयकर सुधार किया गया और संसद के मानसून सत्र में नया आयकर कानून पारित हुआ। इस वर्ष लाल किले से प्रधानमंत्री ने जीएसटी में सुधारों का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने अगली पीढ़ी के सुधारों का ऐलान भी किया है। ये सुधार विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की गति को तेज करेंगे।
स्पेस और सेमीकंडक्टरः स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने लाल किले से दो सेक्टर में भारत को श्रेष्ठ बनाने और दुनिया के सामने एक मिसाल के तौर पर पेश करने का ऐलान किया। ये दो सेक्टर हैं स्पेस और सेमीकंडक्टर। यह संयोग नहीं है कि स्वंतत्रता दिवस से ठीक पहले हुई कैबिनेट की बैठक में चार सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने को मंजूरी दी गई। भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बन रहा है और प्रधानमंत्री ने ऐलान किया है कि इसी साल भारत का पहला स्वदेशी चिप बाजार में आ जाएगा। कांग्रेस की सरकारों ने आज से छह दशक पहले सेमीकंडक्टर की फैक्टरी लगने की संभावना को समाप्त कर दिया था। आज भारत उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने की महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया।
पाकिस्तान को संदेशः प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसे यह संदेश दिया कि अब भारत आतंकवादियों और उनको मदद करने वालों को अलग अलग करके नहीं देखेगा। इसका अर्थ है कि आतंकवादियों की मदद करने वालों के साथ वही बरताव होगा, जो आतंकवादियों के साथ होता है। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान के नेता सिंधु जल संधि निलंबित किए जाने पर मिसाइल हमले की गीदड़भभकी दे रहे थे। उन्हें कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता है। इसका मतलब है कि सिंधु जल संधि स्थगित करेगी।
विकसित भारत रोजगार योजनाः प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं के लिए उम्मीदों की एक बड़ी योजना को स्वतंत्रता दिवस के दिन से ही लागू करने का ऐलान किया। विकसित भारत रोजगार योजना के तहत सरकार एक लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। निजी कंपनियों को इसके जरिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे देश के युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करें। इस योजना के तहत किसी भी युवा को मिलने वाली पहली नौकरी पर 15 हजार रुपए अलग से दिए जाएंगे। रोजगार तलाश रहे देश के लाखों युवाओं को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा सरकार रोजगार देने वाली कंपनियों को भी प्रोत्साहन राशि देगी।
ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरताः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का ऐलान किया। ध्यान रहे भारत अपनी ऊर्जा जरुरतों के लिए, खास कर तेल की जरुरतों को पूरा करने के लिए दुनिया के दूसरे देशों से आयात पर निर्भर है। यह निर्भरता कम करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा देने की घोषणा की तो साथ ही ‘समुद्र मंथन’ अभियान का भी ऐलान किया। इसके तहत सरकार समुद्र मंथन करके तेल और गैस के भंडार खोजेगी और उन्हें उत्खनन के लिए विकसित करेगी।
लाल किले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की स्थापना के एक सौ वर्ष पूरे होने का जिक्र किया और इसके कामकाज की जम कर प्रशंसा की। उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन बताते हुए कहा कि व्यक्ति से लेकर राष्ट्र निर्माण तक इस संस्था का योगदान अतुलनीय है। प्रधानमंत्री ने जब व्यक्ति निर्माण की बात कही तो निश्चित रूप से उन्होंने स्वंय को भी इसमें सम्मिलित किया। एक संपूर्ण व्यक्ति और महान राजनेता के रूप में उनको गढ़ने में संघ की जो भूमिका रही है उन्होंने उसको रेखांकित किया। इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना के सौ वर्ष पूरे होंगे। सौ वर्ष पुराना यह संगठन समय के साथ और सशक्त होगा और भारत के गौरवशाली इतिहास की पुनर्स्थापना में अपना योगदान देता रहेगा। (लेखक दिल्ली में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग (गोले) के कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त विशेष कार्यवाहक अधिकारी हैं।)