Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

पहले दिन से बदला हुआ नजरिया

ट्रंप

ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत के प्रति नजरिया क्यों बदला है? यह अंतरराष्ट्रीय पहेली है, जिसे सुलझाने की कोशिश निश्चित रूप से दुनिया भर के देश कर रहे होंगे। भारत में भी मोदी के समर्थक, जिन्होंने 2024 के अमेरिकी चुनाव के दौरान ट्रंप के लिए यज्ञ वगैरह कराए थे वे भी परेशान हैं। ट्रंप के पिछले चुनाव यानी 2020 के चुनाव से पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार करने गए थे। टेक्सास में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम हुआ था, जिसमें ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ के नारे लगे थे।

उसके बाद भारत में कोरोना की पहली लहर के बीच ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम हुआ था। हालांकि ट्रंप वह चुनाव हार गए थे। जब वे दोबारा उम्मीदवार बने और चुनाव जीते तो भारत के लोगों को सबसे ज्यादा खुशी थी कि अब ट्रंप और मोदी की जोड़ी कमाल करेगी। लेकिन दूसरी बार राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने पहले दिन से भारत के खिलाफ स्टैंड लिया। वे लगातार भारत और मोदी के नेतृत्व को नीचा दिखाते रहे।

ट्रंप के इस भारत विरोधी रवैए की शुरुआत अवैध प्रवासियों को देश से निकालने के साथ हुई। ट्रंप ने अपनी योजना के तहत दुनिया भर के देशों के अवैध प्रवासियों को देश से निकाला। लेकिन भारत के अवैध प्रवासियों को निकालने का तरीका अलग था। उन्होंने भारत के प्रवासियों के हाथ-पैर चेन से बांध कर यानी हथकड़ी और बेड़ी पहना कर सेना के विमान से भारत भेजा। प्रवासियों को इस तरह भेजने का वीडियो खुद अमेरिकी अधिकारियों ने आधिकारिक रूप से जारी किया।

पहली खेप की जब ऐसी अमानवीय तस्वीरें आईं तो भारत की ओर से कूटनीतिक स्तर पर यह मुद्दा उठाया गया और दावा किया गया कि अब ऐसा नहीं होगा। लेकिन इस दावे के तुरंत बाद दूसरी खेप भी आई और उन्हें भी हथकड़ी, बेड़ी पहना कर सेना के जहाज से ही भेजा गया। इस तरह ट्रंप ने जनवरी में राष्ट्रपति पद संभालते ही बता दिया कि वे भारत को इस बार दूसरी तरह से ट्रीट करेंगे।

उनका सबसे ताजा कदम एक नए बिल के रूप में सामने आएगा। इस बिल का नाम ‘द वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ है। इसमें यह प्रावधान किया जा रहा है कि अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासी, चाहे वे किसी भी वीजा पर रह रहे हों, अगर अपनी कमाई का पैसा दूसरे देश में भेजते हैं तो उनको टैक्स देना होगा। अमेरिकी सरकार इस बिल के जरिए पांच फीसदी रेमिटेंसेज टैक्स लगाने जा रही है। ध्यान रहे भारत में सबसे ज्यादा रेमिटेंसेज अमेरिका से आता है। अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या 45 लाख के करीब है।

भारत को ट्रंप के बदलते रवैये से खतरा

इनकी संख्या बहुत बड़ी है और इनकी कमाई भी बहुत बड़ी है। इसलिए ये सबसे ज्यादा पैसा भारत भेजते हैं। अब इस पैसे पर उनको पांच फीसदी टैक्स देना होगा। यह देखने वाली बात होगी कि पांच फीसदी का रेमिटेंसेज टैक्स देकर लोग पैसा भेजते हैं या पांच फीसदी टैक्स बचाने के लिए पैसा भेजना बंद करते हैं।

दोनों ही स्थितियों में अमेरिका को फायदा और भारत को नुकसान है। भारत में 2023-24 में 118 अरब डॉलर बाहर से आया था, जिसमें से करीब 28 फीसदी यानी 32 अरब डॉलर अमेरिका से आया था। यानी अकेले अमेरिका से भारत में करीब तीन लाख करोड़ रुपए भारत आए थे। अब इस पर भारतीयों को 15 हजार करोड़ रुपए का टैक्स देना होगा।

इसके बीच में उन्होने लगातार भारत पर कहा है कि भारत सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाला देश है। दो महीने में कई बार झूठे सच्चे दावे किए कि भारत उनके हिसाब से टैक्स घटाने को तैयार हो गया है। भारत ने अमेरिका के दबाव में हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल से लेकर अमेरिकी ब्रांड की शराब, परफ्यूम आदि पर टैक्स घटाया भी है। फिर भी ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है। अब वे कह रहे हैं कि भारत जीरो टैरिफ पर राजी हो गया है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने पहलगाम नरसंहार के बाद भारत की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई को शर्मनाक कहा और उसके बाद दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया। इसके बाद उन्होंने बार बार यह बात दोहराई कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार रोक देने की धमकी देकर सीजफायर के लिए मजबूर किया।

भारत और पाकिस्तान के बीच चल संघर्ष के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर यानी 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज देने का फैसला किया। इसके साथ ही एक अरब डॉलर का कर्ज जारी हो गया। यानी पाकिस्तान को कुल 2.3 अरब डॉलर का कर्ज मिला, जबकि भारत लगातार कहता रहा कि पाकिस्तान ऐसे पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करता है।

भारत के प्रतिनिधि की बात आईएमएफ की बैठक में नहीं सुनी गई। भारत ने वोटिंग का बहिष्कार किया, जिसके बाद पाकिस्तान के पक्ष में फैसला हुआ। इस बीच यह भी खबर है कि अमेरिका की ओर से तुर्किए को मिसाइल दी जाएगी। सोचें, भारत में तुर्किए के बहिष्कार का अभियान चल रहा है क्योंकि उसने युद्ध में पाकिस्तान की मदद की और अब अमेरिका उसकी मदद करेगा।

Also Read: भारत कितना समझौता करेगा?
Pic Credit: ANI

Exit mobile version