us

  • भारत-अमेरिका में अच्छी वार्ता हुई

    नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता नए सिरे से शुरू करने के लिए दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को एक अहम बैठक हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली बार व्यापार वार्ता पर बातचीत के लिए अमेरिकी टीम ब्रेंडेन लिंच की अध्यक्षता में भारत पहुंची है। दोनों देशों के बीच मंगलवार, 16 सिंतबर को दिल्ली में एक मीटिंग हुई। सुबह 10 बजे वाणिज्य भवन में बैठक शुरू हुई, जो करीब सात घंटे तक चली। सात घंटे तक चली बैठक के बाद उद्योग व वाणिज्य मंत्रालय की...

  • भारत पर यूरोप से टैरिफ लगवाना चाहता है यूएस

    नई दिल्ली। एक तरफ अमेरिका की टीम व्यापार वार्ता के लिए भारत आई है तो दूसरी ओर अमेरिका यूरोपीय देशों पर दबाव बना रहा है कि वे भारत के ऊपर अतिरिक्त टैरिफ लगाएं। इससे पहले अमेरिका ने जी 7 देशों पर दबाव बनाया था। जी 7 देशों के वित्त मंत्रियों की अमेरिका में हुई बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री ने उनसे कहा था कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाए। अब अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने यूरोपीय देशों से भारत और चीन पर 50 से एक सौ फीसदी तक टैरिफ लगाने की अपील की है। सोमवार को ब्लूमबर्ग...

  • ट्रंप को चाहिए आत्महंता

    ट्रंप के नजरिए में अमेरिका के अलावा किसी अन्य देश की समृद्धि के लिए कोई गुंजाइश नहीं हैं। उनका दोमुंहापन जग-जाहिर है। फिर भी हैरतअंगेज है कि उनकी त्योरियों के हिसाब से भारत के सत्ताधारी हलकों की भंगिमाएं बदलने लगती हैं। जिस रोज डॉनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत अभी भी चल रही है और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत का इंतजार कर रहे हैं, उसी रोज यह खबर भी आई कि ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन (ईयू) को भारत पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने को कहा है। भारत...

  • अमेरिका ने कहा, शांति के लिए भारत पर टैरिफ

    वॉशिंगटन। अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के ऊपर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का अदालत में बचाव किया है। ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि शांति बहाली के लिए टैरिफ लगाया गया है। असल में अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप प्रशासन के लगाए टैरिफ को अवैध करार दिया है। इस फैसले के खिलाफ ट्रंप सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप प्रशासन की ओर से जमा कराए गए दस्तावेजों में कहा गया है कि ये टैरिफ यूक्रेन में शांति के लिए सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं।...

  • इस झटके से तो कुछ सबक लें!

    नरेंद्र मोदी सरकार भले यह सोचती रही हो कि उसने अमेरिका के साथ सहभागिता का संबंध बना लिया है और ऐसा भारत के हो रहे उदय के कारण हुआ है, मगर अमेरिकी शासकों की निगाह में भारत की अहमियत चीन के खिलाफ एक मोहरे से अधिक नहीं रही है। अब ट्रंप संभवतः यह मानने लगे हैं कि आर्थिक रूप से अगर उन्होंने ‘अमेरिका को फिर से महान’ बना दिया, तो चीन को घेरने की उनके देश को जरूरत ही नहीं रह जाएगी। इसलिए ट्रंप भारत से कोई रियायत करने के मूड में नहीं हैं। वैसे तो यह भारत के पूरे...

  • यूरोपीय देशों ने भी अमेरिका की डाक सेवा रोकी

    नई दिल्ली। भारत के बाद अब यूरोपीय देशों ने भी अमेरिका के लिए डाक की सेवा रोक दी है क्योंकि अमेरिका ने टैरिफ बहुत बढ़ा दिया है। डाक सेवा रोकने वाले यूरोपीय देशों में इटली, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया सहित कई देश शामिल हैं। इससे पहले भारत ने 23 अगस्त को ऐलान किया कि 25 अगस्त से डाक के जरिए सामान भेजने की सेवा निलंबित रहेगी। डाक से सामान भेजने की सेवा निलंबित रहने का कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ नियम हैं। गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने इसी साल 30 जुलाई को आदेश जारी किया...

  • जज्बाती कदम ठीक नहीं

    आवश्यक है कि विदेश नीति में किसी परिवर्तन से पहले उसके सभी आयामों पर गंभीरता से विचार हो। सिर्फ अमेरिका को सख्ती का संकेत देने के लिए अथवा जज्बाती प्रतिक्रिया में ऐसा करना भारत के हित में नहीं होगा। अमेरिका से बिगड़ते संबंधों के साथ भारत में अचानक चीन से रिश्ते सुधारने और रूस से संबंध और गहरा करने की जरूरत पर अधिक जोर दिया जाने लगा है। संकेत हैं कि भारत सरकार ने इससे संबंधित प्रक्रियाओं को तेज कर दिया है। उधर, ऐसा लगता है कि चीन ने इस नई परिस्थिति में अपने लिए अवसर देखा है। भारत और...

  • नया भारत किसी दबाव में नहीं आता

    भारत ने एक संप्रभु राष्ट्र के तौर पर अपनी विदेश नीति की स्वतंत्रता की घोषणा भी बहुत स्पष्ट शब्दों में कर दी है। रूस के साथ कारोबार को लेकर अमेरिका की ओर से दी गई चेतावनी के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘किसी भी देश के साथ हमारे संबंध उसकी योग्यता पर आधारित हैं और उन्हें किसी तीसरे देश के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। जहां तक भारत और रूस संबंधों का सवाल है, हमारे बीच एक स्थिर और समय की कसौटी पर आजमाई हुई साझेदारी है’। भारत ने दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि...

  • अमेरिका पाकिस्तान में तेल निकलवाएगा

    वॉशिंगटन। अमेरिक के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ ऑयल डील होने का ऐलान किया है। इसके तहत अमेरिका पाकिस्तान के तेल भंडारों का विकास करेगा। इसकी घोषणा करने के साथ ही ट्रंप ने दावा किया कि पाकिस्तान भविष्य में भारत को तेल बेच सकता है। बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, ‘हमने पाकिस्तान के साथ एक डील फाइनल की है, जिसमें अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर वहां के विशाल तेल भंडारों का विकास करेंगे। एक तेल कंपनी को इस साझेदारी के लिए चुना जाएगा। शायद एक दिन वे भारत को भी तेल बेचें’। ट्रंप ने इस...

  • अमेरिका-पाक का दोस्ताना

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशहाक डार से वॉशिंगटन में मुलाकात के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ‘आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में अग्रिम कतार में रहते हुए सहयोग करने के लिए’ पाकिस्तान की तारीफ की। उसके तुरंत बाद इस्लामाबाद में पाकिस्तान सरकार ने अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमान (यूएस सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिला को अपने प्रमुख सम्मान निशान-ए- इम्तियाज से नवाजा। इस मौके पर पाकिस्तान सरकार ने कहा कि जनरल कुरिला ने पाकिस्तानी फौज और यूएस सेंटकॉम के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को गहरा बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन घटनाओं को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड के...

  • डॉलर व्यवस्था को चुनौती

    ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहमति नहीं बनते देख, अब चीन ने अपनी पहल कर दी है। चीन के सेंट्रल बैंक के गवर्नर पान गोंगशेंग ने एलान किया है कि अब दुनिया ‘बहु-ध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक व्यवस्था’ में प्रवेश कर रही है। जब दुनिया का ध्यान पश्चिम एशिया में भड़के युद्ध पर टिका है, चीन ने नई विश्व मौद्रिक व्यवस्था का अपना खाका पेश कर दिया है। कारोबार भुगतान को डॉलर से मुक्त करने की चर्चा कई वर्षों से है। मगर ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों पर इस बारे में सहमति नहीं बनते देख, अब चीन ने अपनी पहल कर दी है।...

  • सही चिंता से प्रेरित

    अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते में जिन क्षेत्रों को पूरी तरह खोलने के लिए भारत पर दबाव डाल रहा है, उन पर राजी होना उससे कहीं अधिक हानिकारक होगा, जितना लाभ अमेरिका से टैरिफ संबंधी रियायतें हासिल करने से मिलेगा। लगभग 20 पूर्व नौकरशाहों और व्यापार विशेषज्ञों ने अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) से संबंधित जो सलाह दी है, वह देश हित की वास्तविक चिंता से प्रेरित है। इसलिए इसे केंद्र को गंभीरता से लेना चाहिए। इन वरिष्ठ विशेषज्ञों की सलाह है कि डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन भारत से अत्यधिक रियायतें झटकने पर अड़ा रहा हो, तो भारत तो बीटीए पर...

  • राह में आई रुकावटें

    अमेरिका ने साफ कर दिया है कि उसने आखिरी प्रारूप रख दिया है। अब भारत को फैसला करना है कि वह उसे स्वीकार है या नहीं। अगर स्वीकार नहीं है, तो नौ जुलाई से उस पर 26 फीसदी टैरिफ लग जाएगा। अमेरिकी टीम पिछले भारत आई, तो चर्चा थी कि इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) का पहला चरण संपन्न हो जाएगा। अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडेन लिंच के नेतृत्व में ये टीम दो रोज के लिए भारत आई। बात आगे नहीं बढ़ी, तो वार्ता दो दिन और बढ़ा दी गई। मगर मंगलवार को जब बातचीत पूरी...

  • अमेरिका-चीन में व्यापार समझौता

    नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के लिए वार्ता चल रही थी और उधर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से टैरिफ युद्ध छेड़े हुए थे लेकिन भारत से पहले अमेरिका ने चीन के साथ व्यापार समझौते का ऐलान कर दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार संधि की घोषणा कर दी। हालांकि अभी इस संधि पर चीन की मुहर नहीं लगी है और राष्ट्रपति शी जिनफिंग की मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जाएगा लेकिन अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और चीन के उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग के बीच लंदन में हुई बातचीत के बाद...

  • भारतीय छात्र से क्रूरता, अमेरिका को अफसोस नहीं

    नई दिल्ली। अमेरिका के न्यूजर्सी में भारतीय छात्र को जमीन पर पटकने, हथकड़ी लगाने और व वापस भेजने के मामले में अमेरिका को कोई अफसोस नहीं है। इस मसले पर भारत में विरोध होने के बाद नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने मंगलवार को एक बयान जारी किया। दूतावास ने कहा कि अमेरिका में अवैध एंट्री बरदाश्त नहीं की जाएगी। अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘अमेरिका अपने देश में वैध यात्रियों का स्वागत करता है। हम अवैध एंट्री, वीजा का दुरूपयोग या अमेरिकी कानून के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेंगे’। गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय...

  • दलील तो दमदार है

    वस्तु और सेवाओं में भारत को 44.4 बिलियन डॉलर का व्यापार लाभ होता है। लेकिन शिक्षा, डिजिटल सेवाओं, वित्तीय कारोबार, बौद्धिक संपदा, और हथियार बिक्री को भी शामिल किया जाए, तो 40 बिलियन डॉलर तक का फायदा अमेरिका को है। जब भारत- अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के अगले दौर की तैयारी चल रही है, थिंक टैंक- ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने महत्त्वपूर्ण आंकड़े पेश किए हैं। उनका इस्तेमाल भारत सरकार करे, तो द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में बाजी पलट सकती है। वॉशिंगटन में हुई पिछली व्यापार वार्ता में तय हुआ था कि द्विपक्षीय समझौता तीन चरणों में होगा। उनमें पहले...

  • ट्रंप तो भारत के महा दुश्मन!

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को क्या हो गया है? उनकी प्रधानमंत्री मोदी से खुन्नस है या भारत से? वे चीन और पाकिस्तान जैसा ही भारत विरोधी रूख बना बैठे हैं। मैंने वैश्विक कूटनीति की 45 वर्ष की खबरनवीसी में कभी किसी विश्व नेता के मुंह से ऐसा नहीं सुना जैसे ट्रंप के इन दिनों भारत की इज्जत उतारने वाले बयान हैं। भला कोई राष्ट्र नेता अपने खरबपति को मित्र राष्ट्र में लगी लगाई फैक्टरी को बंद करने की सार्वजनिक सलाह देता है? एपल दुनिया की नंबर एक कंपनी है। दुनिया की शान है और उसने भारत में फैक्टरी लगाई...

  • पहले दिन से बदला हुआ नजरिया

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत के प्रति नजरिया क्यों बदला है? यह अंतरराष्ट्रीय पहेली है, जिसे सुलझाने की कोशिश निश्चित रूप से दुनिया भर के देश कर रहे होंगे। भारत में भी मोदी के समर्थक, जिन्होंने 2024 के अमेरिकी चुनाव के दौरान ट्रंप के लिए यज्ञ वगैरह कराए थे वे भी परेशान हैं। ट्रंप के पिछले चुनाव यानी 2020 के चुनाव से पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार करने गए थे। टेक्सास में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम हुआ था, जिसमें ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ के नारे लगे थे। उसके बाद भारत में कोरोना की पहली लहर के बीच ‘नमस्ते...

  • भारत कितना समझौता करेगा?

    डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले विश्व अर्थव्यवस्था की यथास्थिति को तोड़ दिया। उन्होंने सब कुछ उलट पलट कर दिया। अमेरिका का व्यापार घाटा कम करने के नाम पर ट्रंप ने दुनिया के सारे देशों को पहले धमकी दी और बाद में सचमुच जैसे को तैसा टैरिफ लगा दिया। उन्होंने भारत और चीन सहित कोई दो दर्जन देशों पर भारी भरकम टैक्स लगाया। चीन के साथ तो टैरिफ वॉर शुरू हो गई थी, जो 145 फीसदी तक पहुंच गई थी। हालांकि ट्रंप बिजनेस समझते हैं इसलिए उन्होंने सबके टैरिफ रोक दिए और सभी देशों के साथ मोलभाव...

  • क्या है अमेरिका- यूक्रेन का खनिज करार?

    अमेरिकी दावे के विपरीत यूक्रेनी पक्ष का कहना है कि समझौते के तहत यूक्रेन को यह तय करने का अधिकार होगा कि क्या और कहां खोदा जाना चाहिए। यूक्रेन का दावा है कि सतह के नीचे की मिट्टी पर यूक्रेन का मालिकाना हक होगा। अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारियों ने 30 अप्रैल 2025 को वॉशिंगटन में खनिज डील पर हस्ताक्षर किए। महीनों चले मोल-भाव के बाद बुधवार को भी 11 घंटे की माथापच्ची हुई। उसके बाद हुई इस डील के मुताबिक, यूक्रेन के खनिजों पर अमेरिका को तरजीह दी जाएगी। इन खनिजों से होने वाली आय का एक हिस्सा यूक्रेन...

और लोड करें