वॉशिंगटन। अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के ऊपर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का अदालत में बचाव किया है। ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि शांति बहाली के लिए टैरिफ लगाया गया है। असल में अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप प्रशासन के लगाए टैरिफ को अवैध करार दिया है। इस फैसले के खिलाफ ट्रंप सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप प्रशासन की ओर से जमा कराए गए दस्तावेजों में कहा गया है कि ये टैरिफ यूक्रेन में शांति के लिए सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। ट्रंप प्रशासन ने कहा है, ‘राष्ट्रपति ने हाल ही में यूक्रेन में रूस के युद्ध के संबंध में पहले से मौजूद राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने के लिए रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद के लिए भारत के खिलाफ आईईईपीए टैरिफ को अधिकृत किया है, जो उस युद्धग्रस्त देश में शांति के लिए उनके प्रयास का एक महत्वपूर्ण पहलू है’।
अदालत में दाखिल दस्तावेज में कहा गया है कि टैरिफ के साथ अमेरिका एक अमीर राष्ट्र है और इसके बिना वह एक गरीब राष्ट्र है। इसमें कहा गया है, ‘राष्ट्रपति के मुताबिक एक साल पहले संयुक्त राज्य अमेरिका एक मृत देश था, और अब, हमारे साथ इतना बुरा व्यवहार करने वाले देशों की ओर से दिए जा रहे खरबों डॉलर के भुगतान के कारण अमेरिका फिर से एक मजबूत, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और सम्मानित देश है’। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह एक अमेरिकी अपील अदालत ने फैसला सुनाया था आपात स्थितियों के लिए लाए गए प्रावधानों का इस्तेमाल करके दुनिया भर के देशों पर लगाया गया टैरिफ अवैध है।