नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ अवमानना का मामला नहीं चलेगा। देश के सर्वोच्च कानूनी अधिकारी अटॉर्नी जनरल ने हालांकि वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति दे दी थी। लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस बीआर गवई की ओर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया।
सर्वोच्च अदालत ने सोमवार आरोपी वकील राकेश किशोर पर कार्रवाई से इनकार कर दिया, इसलिए मामले को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। हालांकि अदालत ने इसके साथ ही कहा कि वह भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश तय करने पर विचार करेगा। अदालत ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को देश भर की अदालतों में हुई ऐसी घटनाओं का ब्योरा जुटाने को कहा है।
घटना के सोशल मीडिया में महिमामंडन के खिलाफ भी दिशानिर्देश लाने पर विचार किया जाएगा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सोमवार को कहा कि कोर्ट में नारेबाजी करना या जूता फेंकना स्पष्ट रूप से कोर्ट की अवमानना है, लेकिन कानून के अनुसार यह निर्णय संबंधित जज पर निर्भर करता है कि वह कार्रवाई करना चाहते हैं या नहीं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने याचिका दायर कर वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की मांग की थी। राकेश किशोर ने छह अक्टूबर को कोर्ट की कार्यवाही के दौरान चीफ जस्टिस की ओर जूता फेंका था। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने आरोपी वकील राकेश किशोर कुमार का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी आरोपी को तुरंत निलंबित कर दिया।


