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आप को कट्टरपंथियों की चिंता

आम आदमी पार्टी को किसी हाल में पंजाब का विधानसभा चुनाव जीतना है। दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक कार्यक्रम में कहा कि आम आदमी पार्टी पंजाब का चुनाव जीतने के लिए साम, दाम, दंड और भेद सबका इस्तेमाल करेगी। पार्टी ने यह काम शुरू भी कर दिया है। पिछले दिनों अकाली दल के एक नेता और कारोबारी पार्टी छोड़ कर भाजपा में गए तो उनके खिलाफ तत्काल विजिलेंस ने छापा मारना शुरू कर दिया। कांग्रेस पार्टी के कई पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है और उनकी गिरफ्तारी भी हुई है। आम आदमी पार्टी ने पिछले दिनों लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव में अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को लड़ा कर चुनाव जीता। अब तरनतारन सीट पर उपचुनाव में भी पार्टी पूरी ताकत लगाएगी।

असल में आम आदमी पार्टी को नई बनी पार्टी वारिस पंजाब दे से बहुत मुश्किल होती दिख रही है। जेल में बंद खदूर साहिब सीट के सांसद अमृतपाल सिंह और फरीदकोट के सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने मिल कर पार्टी बनाई है। ये दोनों नेता निर्दलीय चुनाव लड़ कर सांसद बने हैं। सरबजीत सिंह खालसा के पिता का नाम बेअंत सिंह है, जिसने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की थी। इन दोनों के जीतने से पंजाब में कट्टरपंथी राजनीति के मजबूत होने का संकेत मिला था। अब इन दोनों ने पार्टी बना ली है और अगले चुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा को चुनौती दे रहे हैं। माना जाता है कि दो चुनावों से आप को कट्टरपंथी वोट मिल रहे हैं। इस बार वह वोट दूर जा सकता है। तभी पार्टी ने किसी तरह से चुनाव जीतने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

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