चीन के प्रति अचानक भारत की कूटनीति बदलने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की परवाह किए बगैर दलाई लामा को बधाई और शुभकमनाएं देते हैं और उनके 90वें जन्मदिन पर मोदी सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहे। उधर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत की सीमा तिब्बत से लगती है, चीन से नहीं। यानी उन्होंने तिब्बत पर चीन के जबरन किए गए कब्जे को खारिज किया। साथ ही यह भी कहा कि दलाई लामा को अपना उत्तराधिकारी चुनने का पूरा अधिकार है। उसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, सांसदों ने दलाई लामा को भारत रत्न देने की मुहिम शुरू की है।
बीजू जनता दल छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए ओडिशा के नेता और राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने यह अभियान शुरू किया है। सुजीत कुमार ऑल इंडिया पार्लियामेंटरी फोरम फॉर तिब्बत के सदस्य हैं। उन्होंने बताया है कि दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग पर 80 सांसदों ने अपना समर्थन दिया है। इसमें सभी पार्टियों के सांसद शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी इसका समर्थन किया है। बताया जा रहा है कि एक सौ सांसदों के दस्तखत होने के बाद यह मांग पत्र प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा। भाजपा सांसद सुजीत कुमार ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की इस बात का समर्थन किया है कि दलाई लामा को अपना उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार है। ध्यान रहे चीन ने इस बयान पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद भारत सरकार ने अपने को अलग कर लिया था और कहा था कि वह धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं पर बयान नहीं देती।
