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मांझी और सहनी का सम्मान कैसे बचेगा?

भाजपा के जानकार सूत्रों के मुताबिक जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को अगले चुनाव में लोकसभा की एक सीट दी जाएगी और अगर मुकेश सहनी महागठबंधन छोड़ कर निकलते हैं तो उनकी पार्टी को भी एक सीट मिलेगी। मांझी इस आधार पर अलग हुए हैं कि नीतीश उनका अस्तित्व मिटाना चाहते थे और सहनी भी इस आधार पर अलग होंगे उनके सम्मान का ध्यान नहीं रखा जाएगा। उसके बाद दोनों भाजपा गठबंधन में शामिल होंगें, जहां उनको एक एक सीट मिलेगी। इस तरह एक एक लोकसभा सीट लेकर दोनों का सम्मान बच जाएगा! यह भी ध्यान रखने की बात है कि सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के तीन विधायकों को भाजपा ने अपनी पार्टी में मिला कर एक तरह से उनक अस्तित्व ही समाप्त कर दिया था।

बहरहाल, पिछले लोकसभा चुनाव में ये दोनों पार्टियां राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन में थीं। इन दोनों को तीन तीन लोकसभा सीटें मिली थीं। राजद और कांग्रेस गठबंधन में मांझी की पार्टी हम को नालंदा, औरंगाबाद और गया सीट दी गई थी। इसी तरह मुकेश सहनी की वीआपी को मुजफ्फरपुर, मधुबनी और खगड़िया की सीट दी गई थी। अपने अपने हिस्से की सीटों पर टिकट किस तरह से इन नेताओं ने बांटे उसकी अलग कहानियां उस समय सुनने को मिली थीं। लेकिन जिस गठबंधन में तीन तीन सीट मिली वहां सम्मान नहीं है और न अस्तित्व है, लेकिन जिस गठबंधन में एक एक सीट मिलेगी वहां सम्मान भी बच जाएगा और अस्तित्व भी बचा रहेगा! इस सोच के साथ मांझी और सहनी एनडीए के साथ जुड़ सकते हैं।

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