उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का मंदिर का दांव नहीं चला था। पिछले साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी में अयोध्या में भव्य राममंदिर का उद्घाटन हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया और इसे ग्रैंड इवेंट बनाया गया। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी इस मौके पर मौजूद रहे थे। हालांकि उसके तीन महीने बाद हुए चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ। देश भर में उसकी 63 सीटें कम हो गईं। अकेले उत्तर प्रदेश में भाजपा को करीब 30 सीट का नुकसान हुआ। भाजपा का उम्मीदवार फैजाबाद लोकसभा सीट पर हार गया, जिसके तहत अयोध्या धाम आता है। हालांकि भाजपा के कई नेता इसको ऐसे भी देखते हैं कि मंदिर की वजह से ही सरकार बच गई। अगर देश में 10 साल सरकार चलाने के बाद 240 सीटें भी आईं तो उसमें अयोध्या में राममंदिर के उद्घाटन का भी हाथ था। बहरहाल, अब बिहार में भी भाजपा और उसकी सहयोगी जनता दल यू ने मंदिर का दांव चला है।
बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इस मंदिर का फाइनल डिजाइन तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी तस्वीर जारी की। उन्होंने कहा कि अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता का भव्य मंदिर बनेगा। बहुत जल्दी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मंदिर के लिए भूमि पूजन करेंगे। ध्यान रहे नीतीश कुमार ने सबसे पहले बिहार में महिलाओं को एक वोट बैंक की तरह विकसित किया। महिलाओं के लिए कई बड़ी योजनाएं शुरू कीं और पिछले कई चुनावों से बिहार में पुरुषों के ज्यादा महिलाएं वोट करती हैं। महिलाओं का ज्यादा वोट भाजपा और जदयू को मिलता है। माता सीता के मंदिर से महिलाओं के बीच एक धारणा निर्मित करने का दांव चला जा रहा है। इतना ही नहीं बिहार के केसरिया में दुनिया का सबसे बड़ा राम मंदिर भी बन रहा है। आचार्य किशोर कुणाल ने इसका निर्माण शुरू कराया था। पिछले दिनों उनका निधन हो गया। अब यह काम उनके बेटे सायन कुणाल देख रहे हैं, जिनको राज्य सरकार ने धार्मिक न्यास परिषद का सदस्य बनाया है।