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कांग्रेस के कई नेताओं में खौफ

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के नेताओं में खौफ है। कांग्रेस मुख्यालय से लेकर राज्यों में कांग्रेस कार्यालयों तक इस बात की चर्चा है कि आगे किसकी बारी है। कांग्रेस के नेता खुद ही कयास लगा रहे हैं। आखिर एक एक करके कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों की गाज गिर रही है। पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को ईडी ने गिरफ्तार किया था और दोनों जेल काट चुके हैं। अब भी गाहे बगाहे छापे और पूछताछ की कार्रवाई चलती रहती है। इसी तरह कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था और वे भी जेल जा चुके हैं। अब भूपेश बघेल के बेटे को गिरफ्तार किया गया है। इतना ही नहीं शराब घोटाले से लेकर महादेव सट्टा ऐप के घोटाले में बघेल खुद भी निशाने पर हैं। उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी की छापेमारी हो चुकी है।

तभी कांग्रेस के नेता कयास लगा रहे हैं कि आगे किसकी बारी है? क्या केंद्रीय एजेंसियां बघेल पर हाथ डालेंगी? ध्यान रहे कांग्रेस ने बघेल को सबसे प्रमुख ओबीसी चेहरे के तौर पर पेश किया है। वे कांग्रेस के महासचिव भी बनाए गए हैं। बघेल के अलावा सबसे ज्यादा आशंका भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर जताई जा रही है। अगर रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ हरियाणा की किसी भी जमीन के मामले में कोई भी कार्रवाई होती है तो हुड्डा परिवार नहीं बच सकता है। अभी तक कहा जाता है कि हुड्डा ने सब कुछ ठीक किया हुआ है लेकिन राजनीति के आगे दूसरा कोई प्रबंधन काम नहीं आता है। हुड्डा के अलावा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के परिवार पर भी केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई हुई है। तभी बघेल के बेटे की गिरफ्तारी के बात चौतरफा आशंका है। हंसी मजाक में कांग्रेस नेताओं के बीच चर्चा है कि उनको कमलनाथ से फॉर्मूला पूछना चाहिए कि उन्होंने कैसे अपने भांजे रतुल पुरी को बचाया है। यह भी कहा जा रहा है कि बघेल परिवार पर कार्रवाई का मकसद भी यही है कि कांग्रेस के पुराने और मजबूत नेता कमजोर हों या समझौते के लिए आगे आएं।

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