कांग्रेस हो या भाजपा या कोई और प्रादेशिक पार्टी आमतौर पर पार्टियां विधायकों या सांसदों को जिला अध्यक्ष आदि नहीं बनाती हैं। जिला कमेटियों में उनको पदाधिकारी भी कम ही बनाया जाता है। ज्यादा से ज्यादा नेताओं को एडजस्ट करने की जरुरत के लिहाज से ऐसा किया जाता है। लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी इस अघोषित नियम को बदलने जा रही है। बताया जा रहा है कि तेलंगाना में पार्टी के विधायकों को ही जिला कमेटी की जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्हीं को जिला अध्यक्ष बनाया जाएगा। पार्टी के अध्यक्ष महेश गौड़ा ने कहा है कि विधायकों को जिला अध्यक्ष बनाया जाएगा।
पता नहीं महेश गौड़ा और राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस मामले में पार्टी आलाकमान की मंजूरी ली है या नहीं लेकिन अगर ऐसा होता है तो जिला से लेकर प्रदेश संगठन तक मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का वर्चस्व स्थापित होगा। वैसे भी वे अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हैं। ध्यान रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूरे देश में संगठन सृजन अभियान चलाया है। उन्होंने कई जगह कहा कि जिला कमेटियों को मजबूत करना सबसे पहली जरुरत है। इसके लिए संगठन सृजन अभियान के तहत दूसरे राज्यों के नेता जिलों में सर्वे करते हैं और पार्टी पदाधिकारियों से बात करके जिला अध्यक्ष के लिए नए नाम सुझाते हैं। अगर विधायकों को जिला अध्यक्ष बनाना है तो फिर राहुल के संगठन सृजन अभियान का क्या होगा? कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की यह योजना आगे नहीं बढ़ पाएगी।
