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खड़गे ने क्या संदेश दिया?

mahakumbh 2025

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को बेंगलुरू में बहुत दिलचस्प बात कही। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा। इसके चारों तरफ से सवालों की झड़ी लगी है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर पार्टी का आलाकमान नहीं है तो फिर कौन है? कर्नाटक में भाजपा विधायक दल के नेता आर अशोक ने तंज करते हुए कहा कि खड़गे सिर्फ दिखावे के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और कांग्रेस का असली आलाकमान सोनिया व राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा हैं। हालांकि कांग्रेस नेताओं के लिए इसका जवाब देना बहुत आसान हैं। वे खड़गे का बचाव किए बगैर आर अशोक से पूछ सकते हैं कि क्या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भाजपा के आलाकमान हैं? सबको पता है कि भाजपा में आलाकमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं।

जैसे नड्डा भाजपा के आलाकमान नहीं हैं वैसे ही खड़गे भी कांग्रेस के आलाकमान नहीं हैं। इसमें कोई अगर मगर की गुंजाइश नहीं है। लेकिन सवाल है कि खड़गे ने यह बात क्यों कही? खड़गे कोई भी बात बहुत सोच समझ कर बोलते हैं और उसका गहरा राजनीतिक अर्थ होता है। उनको भी पता रहा होगा कि अगर वे कहेंगे कि मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा तो उनकी ऑथोरिटी को लेकर सवाल उठेंगे। फिर भी उन्होंने यह बात कही। इससे जाहिर है कि वे कोई संदेश देना चाहते थे। एक संदेश तो यह कहा जा रहा है कि वे पार्टी की गतिविधियों से नाराज हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि सारे फैसले राहुल गांधी की ओर से केसी वेणुगोपाल करते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि कई बार तो खड़गे भी नेताओं से कहते हैं कि वे वेणुगोपाल से मिलें। दूसरा संदेश दूर की कौड़ी है लेकिन कहा जा रहा है कि फैसला खुद खड़गे के बारे में होना है इसलिए उन्होंने कहा कि आलाकमान फैसला करेगा। ध्यान रहे खड़गे की बड़ी पुरानी इच्छा कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने की है। इसलिए यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिरी ढाई साल के लिए उनको मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। ऐसा होता है तो सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों चुप रह सकते हैं। लेकिन तब सवाल है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा? पार्टी कोई दूसरा दलित नेता खोजेगा या किसी पिछड़े नेता को कमान मिलेगी? शिवकुमार को भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की चर्चा गाहे बगाहे होती रहती है।

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