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इस बार दीपेंद्र को कोई जिम्मेदारी नहीं मिली

कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा के संसदीय नेताओं की टीम बना ली है। राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बन चुके हैं और अब उनकी टीम की घोषणा हो गई है। पिछली बार की ही तरह असम से जीत कर आए गौरव गोगोई लोकसभा में उप नेता होंगे। 18वीं लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य कोडिकुन्निल सुरेश को कांग्रेस का मुख्य सचेतक बनाया गया है। उनके साथ मणिकम टैगोर और मोहम्मद जावेद को सचेतक बनाया गया है। मणिकम टैगोर पिछली लोकसभा में भी कांग्रेस को सचेतक थे। कांग्रेस ने इस टीम में केरल, तमिलनाडु, असम और बिहार के चार नेताओं को रख कर क्षेत्रीय संतुलन बनाने का प्रयास किया है।

लेकिन हैरानी की बात है कि हरियाणा से लोकसभा का चुनाव जीत कर आए दीपेंद्र हुड्डा को इस बार कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है। वे पांच साल बाद लोकसभा में पहुंचे हैं। पांच साल पहले यानी 2014 में जो लोकसभा बनी थी उसमें उनको सचेतक बनाया गया था और सचेतक के रूप में उनका कामकाज काफी अच्छा माना गया था। ध्यान रहे वे चौथी बार लोकसभा में पहुंचे हैं और एक बार राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। ऊपर से अगले दो तीन महीने में हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। फिर भी उनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। क्या यह भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को पार्टी आलाकमान का कोई संकेत है? दिलचस्प बात यह है कि चार राज्यों में अगले तीन महीने में चुनाव हैं और उन चारों राज्यों से किसी को संसदीय टीम में नहीं रखा गया है।

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