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पवार की मीटिंग का कोई निष्कर्ष नहीं

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की समन्वय समिति के अघोषित प्रमुख के तौर पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार काम कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि पांच राज्यों के चुनाव में विपक्ष एक होकर चुनाव लड़े। पवार का कहना है कि लोकसभा में भाजपा के खिलाफ हर सीट पर एक साझा उम्मीदवार देने के संकल्प का कोई मतलब नहीं रह जाएगा अगर लोकसभा से ठीक पहले होने वाले पांच राज्यों के चुनाव में विपक्ष बिखरा दिखेगा और अलग अलग लड़ेगा। तभी पवार चाहते थे कि चुनावी राज्यों में जहां जिस पार्टी का थोड़ा बहुत भी आधार है उसे प्रतीकात्मक रूप से ही सही लेकिन कुछ टिकट देकर एकजुटता बनानी चाहिए। लेकिन उनकी इस बात को कांग्रेस में सुनने वाला कोई नहीं है।

इस बीच शरद पवार शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिले। बताया जा रहा है कि इसमें विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक को लेकर चर्चा हुई। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सोशल मीडिया में जो पोस्ट डाली उसमें उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी के साथ देश के लोगों की आवाज को आगे बढ़ाने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। उन्होंने यह भी लिखा कि हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं। इससे कुछ पता नहीं चहता है कि चुनौती से निपटने के लिए क्या चर्चा हुई और क्या रणनीति बनी।

शरद पवार की पार्टी काफी समय से सीट बंटवारे की बात कर रही है खासतौर से महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों की बंटवारे को लेकर एनसीपी में बेचैनी है। लेकिन कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव तक इसे रोकना चाहती है। ऊपर से कांग्रेस को यह भी लग रहा है कि जब तक शरद पवार और अजित पवार का विवाद खत्म नहीं होता है और स्पष्टता नहीं आती है कि एनसीपी का नाम और घड़ी चुनाव चिन्ह किसके पास रहता है तब तक सीट बंटवारे पर बात नहीं होनी चाहिए। इसी वजह से कांग्रेस अभी शरद पवार को टाल रही है।

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