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न्यूज चैनल हर बार मजाक बनवाते हैं

पांच

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा करते समय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने न्यूज चैनलों का मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा था कि हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के समय वोटों की गिनती शुरू भी नहीं हुई थी और न्यूज चैनलों ने रूझान दिखाना शुरू कर दिया था। यह हकीकत है कि न्यूज चैनलों में पहले से रूझानों की संख्या तय करके रखी जाती है और जिस चैनल में जिस तरह का एक्जिट पोल दिखाया गया होता है उस तरह के रूझान शुरू में दिखाए जाते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के मजाक उड़ाने के बावजूद न्यूज चैनलों ने कोई सबक नहीं लिया।

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हुई तो सारे चैनलों ने रूझान देने शुरू किए और हैरानी की बात यह थी कि सभी चैनलों के रूझान अलग अलग थे। सवाल है कि क्या अलग अलग चैनलों के लिए अलग अलग गिनती हो रही थी? जब एक जगह गिनती हो रही थी और एक ही जगह से सूचना मिल रही थी तो सबकी सूचना अलग अलग कैसे हो सकती है? कुछ चैनल बहुत तेजी से रूझान दिखा रहे थे तो कुछ की रफ्तार धीमी थी और कहीं एनडीए आगे था तो कहीं ‘इंडिया’ गठबंधन की बढ़त थी। सब अपने अपने ओपिनियन पोल और एक्जिट पोल के हिसाब से रूझान दिखा रहे थे।

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