Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

एक और रिटायर जज भाजपा में गए

BJP

ऐसा लग रहा है कि अब इसको अपवाद की तरह नहीं लिया जाना चाहिए या इस पर हैरान नहीं होना चाहिए कि कोई जज रिटायर होते ही किसी पार्टी का सदस्य बन गया। पहले किसी जज के राज्यपाल बनने या राज्यसभा की सीट लेने पर आश्चर्य होता था और लोग परंपरा का सवाल उठाते थे लेकिन अब यह बहुत स्वाभाविक चीज बन गई है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से महज तीन महीने पहले रिटायर हुए जज जस्टिस रोहित आर्य ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। वे रविवार को भाजपा में शामिल हुए। वकील से जज बने जस्टिस आर्य कई फैसलों के लिए चर्चा में रहे हैं। जैसे उन्होंने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को जमानत नहीं दी थी और एक महिला से छेड़छाड़ करने वाले को राखी बंधवा कर छोड़ दिया था।

बहरहाल, तीन महीने के अंतराल में यह दूसरा मामला है, जब कोई जज भाजपा में शामिल हुआ है। जस्टिस रोहित आर्य से पहले पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस्तीफा दिया और दूसरे ही दिन भाजपा में शामिल हो गए थे। इतना ही नहीं भाजपा ने उनको तामलुक सीट से टिकट भी दे दी और वे चुनाव जीत कर सांसद बन गए। उनको लेकर भी बहुत से किस्से थे और जब वे पद पर थे तब उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जितने भी मामले आए लगभग सभी मामले उन्होंने सीबीआई को भेजे। इसी तरह मई में कलकत्ता हाई कोर्ट से रिटायर हुए जज जस्टिस चितरंजन दास ने कहा कि वे बचपन से जवानी तक राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सदस्य रहे और अब फिर उसके साथ ही जाने का इरादा है। जस्टिस रंजन गोगोई के राज्यसभा जाने और जस्टिस पी सदाशिवम के राज्यपाल बनने का किस्सा तो पुराना है।

Exit mobile version