बिहार में विधानसभा के चुनाव हैं और इस बार चुनाव लोक आस्था के महापर्व छठ के ठीक बाद हैं। इसलिए भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार को भी छठ का ध्य़ान आया है। एक तरफ भाजपा के नेताओं ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के अभियान के तहत देश भर से बिहार के लोगों से मुलाकात की और उनको छठ के मौके पर उनके गांव पहुंचाने के बंदोबस्त का वादा किया तो दूसरी ओर अब केंद्र सरकार ने छठ महापर्व को संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी यूनेस्को के सांस्कृतिक विरासत में शामिल कराने का प्रयास शुरू किया है। इसकी पहल कर दी गई है।
असल में छठ का सामूहिक आयोजन करने वाली कई संस्थाओं की ओर से सरकार से इसकी अपील की जा रही थी। ऐसी ही एक अपील छठी मैया फाउंडेशन के संदीप कुमार दुबे की ओर से केंद्र सरकार से की गई थी। उनकी अपील पर भारत सरकार ने संगीत नाटक अकादमी को निर्देश दिया है कि वह इस पर विचार करके बताए कि यूनेस्को को यह प्रस्ताव भेजा जा सकता है या नहीं। भारत सरकार के अवर सचिव अंकुर वर्मा की ओर से संगीत नाटक अकादमी को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि छठ महापर्व को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने के लिए नामांकन की प्रक्रिया के बारे में सुझाव दे। बिहार के साथ साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में यह महापर्व मनाया जाता है और इसके अलावा देश व दुनिया में हर जगह बिहारी लोग छठ मनाते हैं। सो, सरकार की इस पहल का बिहार में खूब स्वागत हो रहा है।