Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

झारखंड में कोई मोलभाव नहीं कर पाएगा

हेमंत

हेमंत

झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम को 34 सीटें मिली हैं। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 41 सीट का है। इसका मतलब है कि हेमंत अकेले दम पर बहुमत से सिर्फ सात सीट दूर हैं। पिछली बार उनको 30 सीटें मिली थीं। चुनाव नतीजों के बाद यह धारणा भी बनी है कि राज्य में जेएमएम की लहर थी, जिस पर सवार होकर कांग्रेस और राजद ने भी अच्छी खासी सीटें जीत ली हैं, अन्यथा इन दोनों पार्टियों के खिलाफ बहुत माहौल था। तभी ऐसा लग रहा है कि इस बार किसी पार्टी के हाथ में मोलभाव करने की ताकत नहीं है। पिछली बार कांग्रेस ने 16 सीटों के दम पर चार मंत्री पद हासिल कर लिए थे लेकिन इस बार हो सकता है कि कांग्रेस को एक मंत्री पद कम मिले। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से उप मुख्यमंत्री का पद देने की मांग की गई थी, जिसे हेमंत सोरेन ने बहुत सख्त लहजे में खारिज किया और कहा कि अब कोई नई नई डिमांड लेकर आने की जरुरत नहीं है।

जानकार सूत्रों के मुताबिक इस बार चार की बजाय पांच सीट पर एक मंत्री बनाने का प्रस्ताव हेमंत सोरेन ने दिया है, जिससे कांग्रेस को सिर्फ तीन मंत्री पद मिलेंगे और राजद का एक मंत्री बनेगा। हेमंत सोरेन को कांग्रेस या किसी सहयोगी पार्टी की परवाह करने की जरुरत इसलिए नहीं है क्योंकि भाजपा सिर्फ 21 सीटें जीती है और बहुमत से 20 सीट दूर है। उसका मनोबल भी बहुत गिरा हुआ है इसलिए वह सरकार के खिलाफ कोई पहल नहीं करेगी। यह भी कहा जा रहा है कि आजसू के इकलौते विधायक जेएमएम के साथ जा सकते हैं। लेफ्ट के दो विधायकों का बिना शर्त समर्थन हेमंत सोरेन के साथ है। सो, वे कांग्रेस या राजद की किसी मांग पर ध्यान नहीं देने वाले हैं।

Exit mobile version